रशिया-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता को तैयार – कॅथलिक धर्मियों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रान्सिस

वैटिकन सिटी – रशिया-यूक्रेन के जारी युद्ध में युद्धविराम करने के लिए कुछ भी करने के लिए हम तैयार हैं और मध्यस्थता के लिए भी कोशिश करेंगे, ऐसा  ईसाई धर्मियों के  सर्वोच्च धर्मगुरू सम्माननीय पोप फ्रान्सिस ने कहा हैं। ‘ला स्टाम्पा’ नामक इटालियन अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान पोप फ्रान्सिस ने इसके पहले हुए दो विश्व युद्ध से विश्व वे अभी भी सबक नहीं लिया है, इसका अहसास भी कराया। पोप फ्रान्सिस ने इससे पहले रशिया-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर संबोधित करते हुए यह इशारा दिया था कि, हम तीसरे विश्व युद्ध के दौर से गूजर रहे हैं।

इटालियन अखबार ने ईसाई धर्मियों के सर्वोच्च धर्मगुरू सम्माननीय पोप फ्रान्सिस को रशिया-यूक्रेन संघर्ष में शांति वार्ता के लिए वैटिकन की जारी कोशिशों के मुद्दे पर सवाल किया था। इसपर जवाब देते हुए पोप फ्रान्सिस ने रशिया-यूक्रेन युद्ध में शांति स्थापित होना मुमकिन है और किसी को भी इसकी उम्मीद छोड़ने की वजह नहीं है, इसपर भी ध्यान आकर्षित किया। ‘हर एक ने अपने हृदय से संघर्ष का विचार हटाना होगा। हिंसा करने हो रही हथियारों की आपूर्ति बंद होनी चाहिये। हम सबको शाश्वत शांति के लिए प्रयास करने होंगे। सीर्फ युद्ध विराम का विचार किया तो इसमें फिर से संघर्ष का खतरा है। बातचीत के माध्यम से असल शांति प्राप्त हो सकती है’, ऐसा पोप फ्रान्सिस ने कहा।

‘हथियारों के माध्यम से शांति प्राप्त नहीं हो सकती। क्यों कि, हथियारों की सहायता द्वेष भावना एवं वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षा को पराजित नहीं किया जा सकता’, इसका अहसास पोप फ्रान्सिस ने साक्षात्कार के दौरान कराया। इससे पहले के दो विश्व युद्ध से मानवी समाज ने कुछ भी सबक प्राप्त नहीं की, ऐसा इशारा ईसाई धर्मियों के सर्वोच्च धर्मगुरू सम्माननीय पोप फ्रान्सिस ने दिया। इन विश्व युद्ध के पीछे सत्ता की भूख और हथियारों की तस्करी से बढ़ा गुस्सा और शोक ऐसें मुद्दे ज़िम्मेदार थे, यह दावा भी उन्होंने किया।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पोप फ्रान्सिस ने इस मुद्दे पर लगातार अपने स्पष्ट विचार व्यक्त किए हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध पर तीव्र शोक व्यक्त करने के साथ ही इसमें निष्पाप लोग ही शिकार होते हैं, ऐसा पोप फ्रान्सिस ने कहा था। यूक्रेन युद्ध के बाद मानवता तीसरे विश्व युद्ध की और बढ़ रही हैं, यह कहने के साथ ही यह संघर्ष अमरीका और नाटो की आक्रामकता की वजह से शुरू होने का दावा करके उन्होंने बड़ी सनसनी निर्माण की थी।

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