ईरान की हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन स्कूल और कॉलेज तक पहुँचे

तेहरान – तीसरे हफ्ते में भी जारी रहे हिजाबविरोधी प्रदर्शन अब ईरान के स्कूल-कॉलेज तक पहुँचे है। हिजाब की सख्ती के लिए स्कूल पहुँचे सरकारी कर्मचारी को छात्राओं ने भगाया और बाद में हिजाब निकालकर फेंकने का वीडीयो सामने आया है। ईरान में शिक्षकों के संगठन ने हिजाबविरोधी प्रदर्शनों को समर्थन घोषित किया है। कुछ दिन पहले ईरानी सुरक्षा यंत्रणा ने कार्रवाई करने पर १७ वर्ष से कम उम्र की दो छात्राओं की निर्मम हत्या होने की बात सामने आने के बाद प्रदर्शनों का विस्फोट हुआ है। इसी बीच ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने यह प्रदर्शन खत्म करने के लिए आवाहन किया है।

पिछले हफ्ते ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने राजधानी तेहरान के शरीफ युनिवर्सिटी में घुसकर हिजाबविरोधी प्रदर्शनों में शामिल छात्राओं पर कार्रवाई की थी। इसके वीडियो सामने आने के बाद ईरारन के शिक्षक एवं छात्र संगठनों में ईरान की हुकूमत के खिलाफ गुस्सा बढ़ा था। इसी दौरान कुछ दिन पहले ईरानी सुरक्षा यंत्रणा ने तेहरान के प्रदर्शनों के बीच की हुई सख्त कार्रवाई की खबरें सामने आने के बाद इस असंतोष का फिर से विस्फोट हुआ।

सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध चेहरे वाली १६ साल की सरिना इस्माईलज़ादेह और १७ वर्ष की निका शाहकरमी दोनों हिजाबविरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुईं थीं। लेकिन, पिछले दस दिनों से यह दोनों भी लापता थीं। उनके पालकों ने उनकी खोज करने के बाद ईरान के सैनिकों ने सरिना का शव उसके परिवार के हवाले किया। सरिना के सिर पर बैटन से जोरदार प्रहार करने से उसकी मौत होने की बात स्पष्ट हुई। इसी दौरान निका का शव करीबी शवागार से बरामद हुआ। उसके सिर में फ्रैक्चर होने के साथ नाक को गंभीर जख्म होने की बात सामने आयी।

इसकी गूंज ईरान के स्कूल और कॉलेजों में सुनाई दे रही है। सोमवार को ईरान के स्कूल में हिजाब की सख्ती की जाँच करने पहुँचे सरकारी अधिकारी को छात्राओं ने घेरा। इन छात्रों ने इसी सरकारी अधिकारी के समक्ष सरकारविरोधी नारे लगाए और बाद में उसे भागने के लिए मज़बूर करने का वीडियो जारी हुआ है। इसे ईरान समेत पूरे विश्व में बड़ी प्रसिद्ध मिली है। फिर कुछ ही घंटों बाद ईरान के ‘को-ऑर्डिनेशन काऊन्सिल ऑफ टीचर्स असोसिएशन’ संगठन ने देशभर के शिक्षक एवं छात्राओं को स्कूल-कॉलेज का बहिष्कार करने का आवाहन किया।

इस्फाहन, केरमानशाह, मजदाद के अलावा अन्य शहरों के युनिवर्सिटीज्‌‍ में इसे समर्थन मिलने के दावे किए जा रहे हैं। यह गतिविधि ईरान के खामेनी हुकूमत के लिए चुनौती साबित हो रही है। कुछ घंटे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी ने यह प्रदर्शन यानी दंगे होने की आलोचना की थी। साथ ही अमरीका और इस्रायल यह दंगे करा रहे हैं, ऐसा आरोप खामेनी ने लगाया था। इसके बाद मंगलवार को ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने देशवासियों से एकजुट होने का आवाहन किया। साथ ही ईरान के शत्रु ने यह प्रदर्शन कराए हैं, ऐसा आरोप भी राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाया है।

इसी बीच, इन प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही रईसी सरकार पर कनाड़ा ने प्रतिबंध घोषित किए हैं। इसी बीच अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने जल्द ही ईरान को इसकी कीमत चुकानी पडेगी, यह इशारा दिया। यूरोपिय देश भी इस मामले में ईरान पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई कर सकते हैं।

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