इस्रायल ने प्रिन्स रेज़ा पेहलवी का दौरा आयोजित करके ईरान को दिया झटका

जेरूसलम – ईरान और सौदी अरब के राजनीतिक सहयोग की शुरुआत इस्रायल के लिए काफी बड़ा झटका होने के दावे किए जा रहे हैं। विशेषकर इस्रायल के अरब-खाड़ी देशों के साथ किए गए अब्राहम समझौता इससे खतरे में पडने की चर्चा शुरू हुई है। खाड़ी क्षेत्र में जारी उथल-पुथल के बीच किसी समय पर ईरान पर हुकूमत करनेवाले प्रिन्स रेज़ा पेहलवी अब इस्रायल के दौरे पर हैं। सौदी के साथ सहयोग स्थापित करने के बाद खाड़ी क्षेत्र के देशों की इस्रायल के खिलाफ एकजुट होने का निर्धार करने वाले ईरान के लिए प्रिन्स रेज़ा पेहलवी का इस्रायल दौरा काफी उकसानेवाला है।

वर्ष १९७९ की इस्लामिक क्रांति से पहले ईरान पर ‘मोहम्मद रेज़ा शहा पेहलवी’ की हुकूमत थी। मोहम्मद रेज़ा सत्ता पर थे तब तक ईरान के अमरीका, यूरोप और इस्रायल के साथ ही अच्छे सहयोगपूर्ण ताल्लुकात थे। अमरीका ने ईरान को तब सैन्य सहायता भी मुहैया की थी। लेकिन, वर्ष १९७९ में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद मोहम्मद रेज़ा शहा अपने परिवार के साथ देश छोड़कर अमरीका जाने के लिए मज़बूर हुए थे। इसके बाद ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव निर्माण हुआ।

पिछले चार दशकों से अधिक समय से ईरान में इस्लामिक हुकूमत राज कर रही है। फिर भी ईरान की जनता में मोहम्मद रेज़ा शहा पेहलवी और उनके वारिस प्रिन्स रेज़ा पेहलवी के प्रति काफी आदर है। कुछ साल पहले ईरानी हुकूमत से तंग आई जनता ने दबी आवाज़ में देश में पेहलवी का शासन फिर से स्थापित हो, ऐसी मांग करने की खबरें प्राप्त हुई थीं। पिछले साल ईरान में हुकूमत के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों में अपने देश में लोकतांत्रिक सरकार स्थापित हो और प्रिन्स रेज़ा पेहलवी को शासन की बागड़ोर देने के नारे लगाए गए थे।

इस्रायल और अरब देशों के अब्राहम समझौते का प्रिन्स रेज़ा पेहलवी ने स्वागत किया था। इस सहयोग की वजह से ईरान की हुकूमत को ज़ोरदार प्रत्युत्तर दिया जाएगा, यह विश्वास प्रिन्स रेज़ा ने व्यक्त किया था। लेकिन, पिछले महीने ईरान और सौदी अरब का राजनीति सहयोग शुरू होने के बाद अब्राहम समझौते को खतरा होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में ईरान में लोकतंत्र की मांग करने वाले प्रिन्स रेज़ा पेहलवी का इस्रायल दौरा ईरान के लिए चुनौती बन रहा है।

इस्रायल के गुप्तचर विभाग की मंत्री जिला गैम्लीएल ने प्रिन्स रेज़ा के इस्रायल दौरे के लिए कोशिश की। इस्रायल ‘हॉलोकॉस्ट रिमेम्बरेंस डे’ मना रहा है तभी प्रिन्स रेज़ा की इस्रायल यात्रा ईरान के लिए चुनौती है। इस्रायल में आयोजित समारोह में प्रिन्स रेज़ा उपस्थित रहे। साथ ही वे जेरूसलम के ‘वेस्टर्न वॉल’ भी गए। वर्ष १९७९ से पहले इस्रायल और ईरान के बीच का सहयोग फिर से स्थापित करने का ऐलान प्रिन्स रेज़ा ने इस अवसर पर किया।

प्रिन्स रेज़ा पेहलवी के इस्रायल दौरे से बेचैन हुए ईरान ने नए आरोप लगाए हैं। पिछले साल सितंबर में ईरान में हुकूमत विरोधी भड़के प्रदर्शनों को प्रिन्स रेज़ा पेहलवी ने छेडा था, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है। ईरानी हुकूमत के खिलाफ रची गई यह साज़िश नाकाम होने के बाद ईरान के विरोध में नई योजना तैयार करने के लिए प्रिन्स रेज़ा पेहलवी इस्रायल गए हैं, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है।

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