‘क्वाड’ की बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी जापान जाएँगे

नई दिल्ली – क्वाड देशों की बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २३ मई को जापान जा रहे हैं। दो दिन की इस यात्रा के दौरान वे जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों समेत अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने यह जानकारी साझा की। यूक्रेन युद्ध पर अमरीका और नाटो की नज़रें लगी होने का लाभ उठाकर चीन ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी चिंता अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर क्वाड की जापान में हो रही इस बैठक की अहमियत काफी बढ़ी है।

ताइवान की हवाई सीमा में चीन के लड़ाकू विमानों की घुसपैठ चिंताजनक स्तर पर पहुँची है। किसी भी क्षण चीन ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी कड़ी संभावना जतायी जा रही है। इसका संज्ञान लेकर जापान ने इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। साथ ही चीन का ताइवान पर हमला करना जापान पर हमला माना जाएगा, यह ऐलान जापान ने किया है। ऐसे समय में अमरिकी नौसेना के युद्धपोतों का काफिला इस क्षेत्र में गश्त लगाकर ताइवान को आश्वस्त कर रहा है। लेकिन, इस पर चीन की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और इस मुद्दे को लेकर चीन ने सीधे अमरीका को इशारे दिए हैं।

अमरीका के साथ भारत और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया पर सामरिक दबाव बढ़ाने की गतिविधियाँ करके चीन अलग संकेत दे रहा है। यह ताइवान पर हमला करने की पूर्व तैयारी है, ऐसी चिंता विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन, ऐसे समय में अमरीका ने ताइवान को हथियार और रक्षा सामान प्रदान करने से इन्कार किया है। यूक्रेन को इन हथियारों की अधिक ज़रूरत होने की वजह बताकर अमरिकी कंपनियों ने ताइवान के ऑर्डर्स रद्द किए हैं। इस वजह से क्या बायडेन प्रशासन ताइवान की सुरक्षा को लेकर गंभीर है? यह सवाल अधिक ज़ोर देकर पूछा जा रहा है।

इस पृष्ठभूमि पर बायडेन प्रशासन की चीन संबंधित नीति को अमरीका के विपक्षी नेता खुद आलोचना के माध्यम से लक्ष्य कर रहे हैं। इसी कारण बायडेन के जापान दौरे की अहमियत बढ़ी है और जापान में हो रही क्वाड देशों की बैठक पर भी पूरे विश्व की नज़रें लगी हैं। पहले हुई क्वाड की वर्चुअल चर्चा के दौरान भारत ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की माँग के अनुसार यूक्रेन युद्ध के लिए रशिया का निषेध करने से इन्कार किया था। इस पर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भारत की आलोचना की थी। जापान और ऑस्ट्रेलिया रशिया विरोधी भूमिका अपना रहे हैं पर भारत अब भी रशिया का विरोध करने से हिचकिचा रहा है, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने लगाया था। जापान में हो रही क्वाड की बैठक में क्या यही बात दोहराई जाएगी? यह सवाल खड़ा हो रहा है।

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