अफ़गानिस्तान में तालिबान को हासिल हुई जीत के पीछे पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ – अमरिकी सांसद का आरोप

वॉशिंग्टन – ‘लश्‍कर ए तोयबा’ और ‘जैश ए मोहम्मद’ यह आतंकी संगठन मोर्चे निकालकर और गोलियाँ चलाकर अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हुई जीत मना रहे हैं। तभी पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ का प्रमुख फैज हमीद का तालिबानी नेता मुल्ला बरादर के साथ खींचा गया फोटो सार्वजनिक हुआ है। ऐसी स्थिति में अफ़गानिस्तान में तालिबान को प्राप्त हुई सफलता के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का आरोप अधिक तीव्र हो रहा है। अमरिकी सांसद ‘स्टिव शाबोत्‌’ ने इसका गंभीरता से संज्ञान लेकर यह आरोप लगाया है कि, पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ ने ही तालिबान को अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने का अवसर दिलाया।

अफ़गान जनता पर अत्याचार कर रही तालिबान को प्राप्त हुई कामयाबी पाकिस्तान के अधिकारी बड़े जल्लोष से मना रहे हैं। यह गुस्सा दिलानेवाली बात होने का बयान कांग्रेसमन शाबोत्‌ ने किया है। लेकिन, पाकिस्तान के लिए मानव अधिकारों का हनन करना खास बात नहीं है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके शाबोत्‌ ने पाकिस्तान के मानव अधिकारों का इतिहास काला होने की याद भी ताज़ा कराई। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यांकों पर अत्याचार किए जाते हैं, इसकी पूरी जानकारी अमरिकी नागरिकों को नहीं है। आज तक इस ओर जीतना ध्यान देने की आवश्‍यकता थी, उतना नहीं दिया गया है। लेकिन, अब इस मुद्दे पर अमरिकन्स को जागृत करने का अवसर आया है, ऐसा कहकर स्टिव शाबोत्‌ ने इसके लिए हम पहल करेंगे, यह संकेत भी दिए हैं।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यांक हिंदु समुदाय के बेटियों का अपहरण करके उनका ब्याह बहुसंख्यांकों के बुढ़े नागरिकों से जबरन किया जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं और इसका मानव अधिकार संगठन ने संज्ञान भी नहीं लिया है, यह जानकारी शाबोत्‌ ने साझा की। फिर भी इसे अनदेखा करने पर शाबोत्‌ ने अफसोस जताया। अमरीका करीबन आठ लाख हिंदु धर्मियों का घर है और यह हिंदुधर्मी अमरिकी समाज का अहम हिस्सा हैं। अमरीका के उत्थान के लिए हिंदु समुदाय ने काफी बड़ा योगदान दिया है। इस वजह से पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को अमरीका ने नजरअंदाज करना अनुचित होगा, यह इशारा शाबोत्‌ ने दिया है।

इसी बीच अफ़गानिस्तान में जारी हिंसा और तालिबान के अत्याचार के लिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार होने का आरोप लगा रहे कांग्रेसमन शाबोत्‌ ने भारत की सराहना की। अफ़गानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यांकों को आश्रय देकर भारत ने काफी बड़ा काम किया है, यह बयान भी शाबोत्‌ ने किया है। इससे पहले भी अमरीका के कुछ जनप्रतिनिधी और पूर्व राजनीतिक अधिकारियों ने अफ़गानिस्तान में अमरीका को प्राप्त हुई नाकामी के लिए पाकिस्तान का विश्‍वासघात ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया था। साथ ही इसकी बड़ी कीमत पाकिस्तान से वसूलने की ज़रूरत होने की बात यह जनप्रतिनिधी और पूर्व राजनीतिक अधिकारी ड़टकर कह रहे हैं। तभी, दूसरी ओर अमरीका ने पाकिस्तान पर सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है, ऐसी चिंता पाकिस्तानी माध्यम जता रहे हैं।

अफ़गानिस्तान में हुई हार का ठिकरा अमरीका पाकिस्तान के सिर पर फोड़े बगैर नहीं रहेगी, यह भरोसा पाकिस्तानी माध्यमों को है और इस देश के पूर्व राजनीतिक एवं लष्करी अधिकारी भी यही ड़र जता रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ गैरज़िम्मेदार लोगों ने तालिबान की सफलता मनाकर अमरीका का गुस्सा और बढ़ाया है, ऐसा इशारा पाकिस्तानी वंश के एक अमरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता ने दिया था। साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ही तालिबान का गौरव करनेवाला बयान करके अपने देश को मुश्‍किल में ड़ाला है, यह अफसोस पाकिस्तान के ज्येष्ठ पत्रकार जता रहे हैं।

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