परमाणु हथियारों पर नियंत्रण ना रखनेवाला पाकिस्तान विश्व का सबसे घातक देश –  अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन

वॉशिंग्टन – अपने परमाणु हथियारों पर ‘कमांड’ और ‘कंट्रोल’ ना रखनेवाला पाकिस्तान विश्व के सबसे अधिक घातक देशों में से एक साबित होता है, ऐसा बयान अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया है। कुछ ही दिन पहलें पाकिस्तानी वायु सेना के ‘एफ-१६’ विमानों के लिए ४५ करोड़ डॉलर्स के पैकेज देनेवाले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया यह बयान पाकिस्तान को सदमा लगानेवाला साबित हुआ है। इसी बीच, भारतीय माध्यमों ने बायडेन के इस बयान को बड़ी अहमियत दी है। अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान को झ्ुाकाव दिखानेवाली नीति पर भारत का तीव्र बयान सामने आता देखकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान पर यह बयान करके भारत को खूष करने की कोशिश की हैं, ऐसी संभावना भी इससे सामने आ रही है। साथ ही पाकिस्तान के परमाणु हथियार किसी के भी नियंत्रण में नहीं है, इसपर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया हैं और यह मुद्दा भारत के साथ पूरे विश्व की चिंता बढ़ानेवाली साबित हो रही है।

कुछ दिन पहलें अमरीका ने घोषित किए अपने ‘नैशलि सिक्युरिटी स्ट्रैटेजी २०२२’ में भारत के सहयोग का विशेषता के साथ ज़िक्र किया गया है। लेकिन, इसमें अमरीका ने अपने देश का थोड़ा सा भी ज़िक्र नहीं किया, ऐसी नाराज़गी पाकिस्तान में व्यक्त की जा रही थी। इसके साथ ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करके पाकिस्तान की नींद उड़ाई हैं। पाकिस्तान  की सरकार ने इस मामले में अमरिकी राजदूत को समन्स थमाया हैं। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया बयान सच्चाई पर आधारित नहीं हैं और गुमराह करती हैं, ऐसा बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया हैं। इसी बीच पाकिस्तान के विपक्षी नेता इम्रान खान ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने कौन सी बुनियाद पर यह बयान किया, ऐसा सवाल करके इस मामले को लेकर पाकिस्तान की सरकार को भी आड़े हाथों लिया है।

पाकिस्तान में १६० परमाणु अस्त्र होने की बात कही जा रही है। पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था काफी कमज़ोर हैं और इस देश पर कभी भी लोकनियुक्त सरकार का पूरा नियंत्रण नहीं था। चरमपंथ एवं आतंकवाद ने पाकिस्तान को पीड़ित कर रखा हैं और तालिबान और अन्य आतंकी संगठन पाकिस्तानी सेना के अधिकारी को साथ  लेकर कभी भी इस देश के परमाणु अस्त्र प्राप्त कर सकेंगे, ऐसी चिंता पश्चिमी विश्लेषकों ने समय समय पर व्यक्त की थी। ऐसी स्थिति में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों पर व्यक्त की हुई चिंता ध्यान आकर्षित कर रही हैं।  कुछ ही दिन पहले अपने पक्ष में निर्णय करनेवाली अमरीका की नीति मे यकायक हुआ बदलाव पाकिस्तान को  सवालों से घेर रहा हैं और  इस देश को अमरीका ऐसा झ्ाटका देगी, इसकी थोड़ी भी कल्पना  नहीं थी, ऐसें दावे किए जा रहे हैं।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने पाकिस्तान को सबसे अधिक घातक देश करार देने से पहले बायडेन प्रशासन ने पाकिस्तानी वायु सेना के ‘एफ-१६’ विमानों के लिए ४५ करोड़ डॉलर्स का पैकेज घोषित किया था। पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल बाजवा ने कुल सात दिन अमरीका का दौरा  किया था। उनका अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन में बड़ा स्वागत होने के दावे किए जा रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में स्थित अमरीका के राजदूत ने पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए भारत के हिस्से के कश्मीर का दौरा करके इस देश को खूष कर दिया था। पीओके का ज़िक्र आज़ाद कश्मीर करके पाकिस्तान में नियुक्त अमरिकी राजदूत ने भारत को उकसाया था।

बायडेन प्रशासन ऐसा भारत को सबक सिखाने के लिए कर रहा हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रशिया के विरोध मे जाने से इन्कार करके अमरीका को नाराज़ किया था। इसी वजह से भारत को धमकाने के लिए अमरीका अब पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रही हैं, ऐसा दावा कुछ पाकिस्तानी विश्लेषकों ने किया था। इस वजह से बायडेन प्रशासन की इन गतिविधियों से पाकिस्तान को खुष होने की कोई वजह नहीं हैं। उनका यह कहना कुछ ही दिनों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सच साबित किया है।

इसी बीच बायडेन ने पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों को लेकर जताई चिंता यानी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी संवेदन का मुद्दा है। आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों को लेकर पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को महसूस हो रही ममता छुपी नहीं रही। उनका इस्तेमाल करके आतंकी संगठन और गुट परमाणु हथियार काबिज़ करके इनका गलत इस्तेमाल करेंगे, यह चेतावनी भारत के साथ पश्चिमी देशों ने भी दी थी। लेकिन, अपने परमाणु हथियार सुरक्षित होने का खुलासा पाकिस्तान ने किया था। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ही इस दावे पर भरोसा करने के लिए तैयार ना होने से यह भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का मुद्दा बनता है। फिलहाल पाकिस्तान में विभिन्न आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक कारणों से फैली अराजकता के मद्देनज़र अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने जताई चिंता सीर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर गंभीर विचार करने के लिए मज़बूर कर रही है।

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