आतंकी पाकिस्तान ही है ‘सार्क’ का सहयोग रोक रही प्रमुख समस्या – विदेश मंत्री एस.जयशंकर का आरोप

वाराणसी – ‘सार्क’ परिषद को गति देने के लिए पाकिस्तान कोशिश करेगा, यह ऐलान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया था। भारत की वजह से सार्क का सहयोग बाधित हुआ है, ऐसी आलोचना भी प्रधानमंत्री शरीफ ने की थी। उनकी इस आलोचना पर भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने करारा प्रत्युत्तर किया हैं। पड़ोसी देशों से काराबार करते हुए आतंकवाद का इस्तेमाल करने मे कुछ भी गलत नहीं है, यह विचार रखने वाले एक देश की वजह से ‘सार्क’ संगठन सक्रिय नहीं रहीं, ऐसी फटकार जयशंकर ने लगायी। साथ ही आतंकवाद का खुलेआम समर्थन कर रहे देश के साथ भारत क्रिकेट नहीं खेलेगा, ऐसा करके भारत आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे देश को दबाव से मुक्त नहीं करेगा, ऐसी सख्त चेतावनी भी भारतीय विदेश मंत्री ने दी है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था फिसल कर निचले स्तर पर जा पहुँची हैं और इस देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में अब सिर्फ सात अरब डॉलर्स से भी कम राशि बची है। कराची बंदरगार पर उतरी सब्जी और अन्य ज़रूरी सामान के बिल का भुगतान करने जितने पैसे भी पाकिस्तान नहीं रखता। इश वजह से कराची बंदरगाह में मौजूद कंटेनर्स में भरी सब्जी सड़ी जा रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सार्क से सहयोग को गति प्रदान करने की ड़िंगे हाक रहे हैं। साथ ही भारत की वजह से यह सहयोग आगे बढ़ नहीं रहा, ऐसी आलोचना करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को लक्ष्य करने की कोशिश भी की है। उनके इन खोखले दावों पर भारतीय विश्लेषक कड़ी आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान के आतंकवाद के कारण ही सार्क का सहयोग खंड़ित होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया।

जयशंकर ने सीधे नाम लेने से बचकर पाकिस्तान की आतंकी नीति पर जोरदार प्रहार किया। पड़ोसी देशों से कारोबार करते समय आतंकवाद का इस्तेमाल करने में कुछ भी गलत नहीं हैं, यह विचार रखने वाले एक देश की वजह से ही सार्क का सहयोग बाधित हुआ। लेकिन, सार्क सदस्य बांगलादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इन देशों के साथ भारत का सहयोग पिछले पांच सालों में अधिक से अधिक मज़बूत हो रहा हैं। इसके अलावा इन देशों के साथ व्यापार, निवेश और अन्य क्षेत्रों में भारत का सहयोग अधिक व्यापक होने के मुद्दे पर भी जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, आतंकवाद और नशिले पदार्थों की तस्करी कर रहा पाकिस्तान ही सार्क की प्रमुख समस्या हैं, इस पर भी भारतीय विदेश मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

इसके बावजूद पाकिस्तान का आतंकी चेहरा विश्व के सामने अधिक प्रभावी ढ़ंग से लाने में भारत को बड़ी सफलता मिलने का अहसास विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान कराया। पहले के दौर में विश्व भारत और पाकिस्तान की ओर एक ही नज़रिये से देख रहा था। लेकिन, अब ऐसा नहीं होता। मौजूदा भारत क्षेत्रिय मोर्चे पर अधिक प्रभावी भूमिका निभा रहा हैं और अहम शक्ति के तौर पर उभरा हैं, ऐसा जयशंकर ने कहा। इसी बीच एक समाचार चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने यह ड़टकर स्पष्ट किया कि, पाकिस्तान के साथ भारत क्रिकेट नहीं खेलेगा। पाकिस्तान में आयोजित ‘एशिया कप’ प्रतियोगिता में भारत शामिल नहीं हुआ, तो पाकिस्तान भी भारत में आयोजित होने वाले एक दिवसीय ‘वर्ल्ड कप’ प्रतियोगिता में शामिल नहीं ह ोगा, ऐसी धमकी पाकिस्तान ने दी थी। लेकिन, ऐसी प्रतियोगिता होती रहती हैं, इसपर भारत अपनी नीति तय नहीं करता, ऐसें सीधे शब्दों में जयशंकर ने भारत की नीति में बदलाव नहीं होगा, ऐसा इशारा दिया। आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाला देश आप के सिर पर बंदूक रखकर चर्चा की मांग करता हैं तो क्या आप चर्चा के लिए तैयारी दर्शाएंगे, यह सवाल भी भारतीय विदेश मंत्री ने किया।

आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहें देश पर दबाव अधिक से अदिक बढ़ाना ही इस देश के आतंकवाद का शिकार बने देश का कर्तव्य ही बनता है। इसमें कसूर करना उचित नहीं होगा। उल्टा भारत ने आतंकवाद के विरोध में अंतरराष्ट्रीय अभियान का नेतृत्व करना होगा। इसके अलावा आतंकवाद के प्रायोजक देशों पर दबाव नहीं बन सकता, इस मुद्दे पर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से पाकिस्तान कितना भी धमकाए तो भी भारतीय नीति पर इसका असर नहीं होगा, ऐसा इशारा विदेश मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में दिया हैं।

वाराणसी में आयोजित एक सभा में और एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में किए बयान मे विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर भारत ने अपनाई भूमिका सटिक शब्दों में रखी। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट शुरू हुआ तो दोनों देशों के ताल्लुकात सुधरेंगे, यह दावा पाकिस्तान लगातार करता रहा हैं। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी भी इसके लिए भारत से लगातार गुहार लगा रहे हैं और हमारी यह मांग स्वीकार ने की उदारता भारत नहीं दिखाता, ऐसी शिकायत भी वह कर रहे हैं। लेकिन, भारत के सामने क्रिकेट के लिए याचना कर रहा पाकिस्तान व्यापार एवं अन्य मोर्चों पर भारत से सहयोग करने के लिए तैयार नहीं है। इस वजह से सिर्फ क्रिकेट खेलने की मांग करके हमें भारत के साथ अच्छे संबंध रखने हैं, ऐसे पाकिस्तान कर रहे दावे यानी इस देश का ढ़ोंग होने की बात दिखती है। भारतीय विश्लेषकों ने समय समय पर इसका अहसास भी कराया हैं।

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