नेताजी-७४

नेताजी-७४

गाँधीजी, सुभाषबाबू तथा अन्य नेताओं के जेल में रहने के बावजूद भी, गाँधीजी के सविनय क़ायदाभंग आन्दोलन के कारण सरकार हैरान हो चुकी थी। साराबन्दी, विदेशी माल पर बहिष्कार इनका जुनून भारत भर में फैल रहा था। ग़िऱफ़्तार किये गये सत्याग्रहियों को रखने के लिए जेलें कम पड़ने लगीं। उसीमें गाँधीजी से प्रेरित होकर ‘सरहद […]

Read More »

समय की करवट (भाग ११) – द ग्रेट इंडियन मिड्ल क्लास

समय की करवट (भाग ११) – द ग्रेट इंडियन मिड्ल क्लास

 ‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत ने संरक्षित नीति का त्याग कर ग्लोबलायझेशन की हवा भारत में बहने दी। ऐसे कुछ साल (विदेशी कंपनियों के) अच्छे गये। आगे चलकर वैश्‍विक मंदी शुरू हुई। उस बवंडर में, अभी अभी तक दुनिया पर अधिराज्य […]

Read More »

समय की करवट (भाग १०) – हॅरी को चाहिए – ‘मेड इन (भारत को छोड़कर कुछ भी)’

समय की करवट (भाग १०) – हॅरी को चाहिए – ‘मेड इन (भारत को छोड़कर कुछ भी)’

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। ग्लोबलायझेशन में हालाँकि दोनो पार्टियों के अच्छे उत्पादों का लेनदेन होकर दोनों पार्टियों का फ़ायदा होगा ऐसी उम्मीद होती है; लेकिन वास्तव में ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ ऐसी स्थिति होती है। अमीर देशों में रहनेवालीं बड़ीं बहुराष्ट्रीय […]

Read More »
1 17 18 19