फिलीपीन्स में चीन के विरोध में प्रदर्शन

चीन के विरोधमनिला – फिलीपीन्स की सागरी और हवाई सीमा में घुसपैंठ करनेवाली चीन के विरोध में फिलिपिनो जनता में होनेवाला गुस्सा चरम सीमा तक पहुँचा है। दो दिन पहले १२३वें स्वतंत्रता दिन के उपलक्ष्य में फिलीपीन्स में जनता ने सैकड़ों की तादात में सड़क पर उतरकर चीन की घुसपैंठ के विरोध में ज़ोरदार प्रदर्शन किए। ये प्रदर्शन यानी उपनिवेशवादी और विदेशी हमलावरों को दी चेतावनी है, ऐसा प्रदर्शनों के आयोजकों ने जताया है। साथ ही, फिलीपीन्स सी में घुसपैंठ के मामले में चीन के विरोध में नर्म भूमिका अपनानेवाले राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुअर्ते की भी प्रदर्शनकारियों ने आलोचना की है।

स्पॅनिश उपनिवेशवादियों से फिलीपीन्स को मिली आज़ादी के १२३ साल पूरे हुए। इस उपलक्ष्य में शनिवार को, फिलीपीन्स के अलग-अलग शहरों में बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। लेकिन इन कार्यक्रमों में उपस्थित रहने के बजाय फिलिपिनो जनता ने सड़कों पर उतरकर चीन के विरोध में प्रदर्शन किए। मनीला में चीन के दूतावास के सामने ज़ोरदार नारेबाज़ी की। चीन के जहाज फिलीपीन्स की सीमा से बाहर चले जाएँ, वेस्ट फिलीपीन्स सागरी क्षेत्र पर फिलीपीन्स का ही अधिकार है, ऐसे प्लॅकार्ड्स इस समय प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शित किए।

वहीं, फिलीपीन्स के छात्र, किसान, मच्छीमार, संशोधक और प्रदर्शनकारियों ने मकाती शहर में स्थित चीन के उच्चायुक्तालय के सामने राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते के विरोध में प्रदर्शन किए। चीन की घुसपैंठ को उत्तर देने के लिए और फिलीपीन्स की सार्वभौमिकता की सुरक्षा के लिए देश को प्रखर राष्ट्रवादी नेता की ज़रूरत होने की घोषणाएँ इस समय प्रदर्शनकारियों ने दीं। पिछले कुछ सालों से दुअर्ते की नीतियाँ चीनपरस्त बनीं होने की आलोचना फिलीपीन्स के नेता तथा जनता और माध्यम कर रहे हैं।

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