‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए एकतरफ़ा कोशिश नहीं होगी – भारत ने चीन को दिया स्पष्ट संदेश

नई दिल्ली – सीमा पर तनाव कम करना, शांति रखना द्विपक्षीय संबंधों पर निर्भर है। इस वजह से चीन ने, वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई चर्चा में तय किए गए मुद्दों के अनुसार, लद्दाख में तनाव कम करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने होंगे, यह इशारा भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को दिया है। इसके आगे भारत शांति के लिए एकतरफा पहल नहीं करेगा, ऐसा स्पष्ट संदेश भी इसके ज़रिये चीन को दिया गया हैं।

‘एलएसी’

भारत और चीन के अधिकारियों की हुई बैठक में, सीमा पर तनाव कम करने के लिए एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने का एवं तैनाती कम करने का निर्णय किया गया था। १४ जुलाई को यह बैठक हुई थी। इस चौथे चरण की इस चर्चा में, चीन को पॅन्गोन्ग त्सो समेत अन्य इलाकों से सैनिकों को हटाने होगा, यह निर्णय किया गया था। इसके लिए दो सप्ताह का अवसर भी दिया गया था। लेकिन, चीन ने इसपर अभी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की हैं, बल्कि उल्टा चीन अपनी तैनाती मे बढ़ोतरी करने की ख़बरें प्राप्त हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर विदेश मंत्रालय ने चीन को कड़े शब्दों में संदेशा दिया हैं।

ज़ल्द ही अगले चरण की चर्चा के लिए भारत और चीन के अधिकारी भेंट करेंगे और इससे पहले भारत ने चीन को कड़े शब्दों में फटकार लगाई है। एलएसी पर शांति रखने के लिए द्विपक्षीय कोशिश की जाएगी। मौजूदा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश कोई भी नही करेगा, यह बात सन १९९३ से भारत और चीन के बीच हुए अलग अलग समझौतों के दौरान भी दोनों देशों ने स्वीकारी है। इसकी याद भी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन को कराई है।

सीमा पर शांति बनाने के लिए राजनीतिक और लष्करी स्तर पर कोशिश हो रही है। लेकिन, मौजूदा स्थिति में बदलाव करने की किसी भी प्रकार की कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी। चीन प्रामाणिकता दिखाकर, बैठक में जो तय हुआ था, उसके अनुसार तनाव कम करने के लिए कदम उठाएँ, यह उम्मीद भारत रखता हैं, यह बात श्रीवास्तव ने स्पष्ट शब्दों में रखी। १५ जून के दिन गलवान वैली में दगाबाज़ी करके चीन ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। वहाँ से सैनिक पीछे हटेंगे, यह चर्चा में तय हुआ था। इसके बावज़ूद चिनी सैनिक दोबारा इस इलाके में लौट आए थे। इस दगाबाज़ी के बाद चीन को लेकर हमेशा सतर्क रहने की नीति भारत ने अपनाई हैं और अब शांति के लिए भारत एकतरफा कोशिश नहीं करेगा, यह संदेशा भी चीन को दिया जा रहा हैं।

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