कश्मीर के मुद्दे पर किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बियारित्झ  – ‘कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए दुसरें देश को कष्ट देने की जरूरत नही है| वर्ष १९४७ से पहले भारत-पाकिस्तान एक ही देश का हिस्सा थे और यह देश कश्मीर समस्या पर द्विपक्षीय बातचीत से हल निकाल सकते है’, इन कडे शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश की भूमिक रखी| कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का प्रस्ताव देकर पाकिस्तान की उम्मीदे जगानेवाले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के सामने ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह वक्तव्य किया| इसपर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भी समर्थन देकर पाकिस्तान की उम्मीदें वहां की वहां ही चकनाचूर कर दी|

फ्रान्स में शुरू ‘जी७’ परिषद के लिए भारत को विशेष न्यौता दिया गया था| ‘जी७’ का सदस्य ना होते हुए भी फ्रान्स ने भारत को यह न्यौता देने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रभाव नए से रेखांकित हुआ है| इस परिषद की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की द्विपक्षीय बातचीत हो रही थी और पुरी दुनिया का ध्यान इस बातचीत पर लगा था| क्योंकी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अमरिका यात्रा के दौरान राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की तैयारी दिखाई थी| लेकिन, इसके बाद अमरिकी प्रशासन एवं स्वयं राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भी अपनी भूमिका में बदलाव करने के संकेत दिए थे|

सोमवार के दिन जी-७ परिषद के दौरान हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प के साथ वार्तापरिषद के दौरान कश्मीर मसले पर मध्यस्थता का विषय खतम किया| भारत और पाकिस्तान इस मुद्दे पर सीधी बातचीत कर सकते है, यह कहकर भारत को इस विषय में किसी की भी मध्यस्थता की जरूरत नही है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| इसपर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने विरोध किए बिना समर्थन दिया|

भारत की भूमिका पर ट्रम्प ने मुहर लगाने के बाद कश्मीर मसले पर अमरिका अपना पक्ष उठाएगी, यह पाकिस्तान की उम्मीद पूरी तरह से टूट चुकी है| साथ ही भारत जम्मू-कश्मीर में अत्याचार कर रहा है, पाकिस्तान के इस दुष्प्रचार को भी ‘जी-७’ में किसी ने गंभीरता से नही लिया है| खाडी क्षेत्र के देशों ने भी पाकिस्तान का समर्थन नही किया है और संयुक्त अरब अमीरात एवं बाहरिन ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरी पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया है|

हमने कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की| वहां की स्थिति नियंत्रण में होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने हमसें कही है, इतने गिने चुने शब्दों में ट्रम्प ने इस विषय पर पुछे सवाल पर जवाब किया| साथ ही भारत और अमरिका के बीच शुरू व्यापार पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत होने की जानकारी भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी|

इस बातचीत के ब्यौरे से ज्यादा प्रधानमंत्री ने कश्मीर मसले के मध्यस्थता के मुद्दे पर किए वक्तव्य और उसपर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया समर्थन, यही माध्यमों में बातचीत का प्रमुख विषय बना है| इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के बीच काफी खुले माहौल में हुई बातचीत का संदर्भ देकर अमरिका भारत की ओर सहयोगी देश के तौर पर देख रही है, यह दाखिला विश्‍लेषक दे रहे है| कश्मीर मसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को यह लगी और एक फटकार साबित हो रही है|

इस दौरान, ‘जी-७’ परिषद के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन से भेंट की| इस दौरान दोनों देशों का व्यापार, रक्षा सहयोग के मुद्दे पर बातचीत होने की बात कही जा रही है| साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और पश्‍चिमी अफ्रीकी देश ‘सेनेगल’ के राष्ट्राध्यक्ष ने बातचीत की| इसके अलावा संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस से भी प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई है|

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