‘ओपेक प्लस’ के आर्थिक हित कोई अन्य देश तय नहीं कर सकता – अमरीका की इशारे पर सौदी का जवाब

रियाध – ‘ईंधन उत्पादन घटाने का निर्णय ‘ओपेक प्लास के किसी एक सदस्य देश ने नहीं लिया है। बल्कि, ईंधन बाज़ार की अस्थिरता दूर करने के लिए और ‘ओपेक प्लस’ के सदस्य देशों के हित सामने रखकर एकमत से यह निर्णय लिया गया। ओपेक प्लस के सदस्य देशों के आर्थिक हित कोई भी अन्य देश तय नहीं कर सकता’, ऐसे तीखे शब्दों में सौदी अरब ने अमरीका को फटकार लगायी। साथ ही ईंधन उत्पादन एक महीने बाद कम करने की बायडेन प्रशासन की माँग मंजूर नहीं की जा सकती, ऐसा बयान भी सौदी ने किया है।

विश्व के शिर्ष ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक प्लस’ गुट ने पिछले हफ्ते कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन 20 लाख बैरल्स घटाने का निर्णय घोषित किया था। अगले महीने से इस निर्णय का कार्यान्वयन होगा, यह ओपेक प्लस ने स्पष्ट किया था। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की अस्थिरता और ओपेक प्लस के सदस्य देशों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया, ऐसा इस संगठन ने कहा था। ओपेक प्लस का यह निर्णय राजनीतिक नहीं है बल्कि तकनीकी होने की जानकारी यूएई ने साझा की थी।

लेकिन, सौदी द्वारा नियंत्रित किए जा रहे इस गुट के इस निर्णय की गूंज अमरीका में सुनाई पड़ी थी। अमरिकी सिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने ओपेक प्लस के इस निर्णय के लिए सौदी और यूएई को ज़िम्मेदार ठहराकर इन देशों पर कार्रवाई करने की माँग की थी। अमरीका ने ओपेक सदस्य सदेशों की संप्रभुता की गारंटी लेने से कार्रवाई में मुश्कीलें आ सकती हैं, ऐसा कहकर कुछ सिनेटर्स ने सौदी और यूएई के खिलाफ ‘नोपेक’ लगाने की माँग की थी।

‘नो ऑईल प्रोडक्शन ऐण्ड एक्सपोर्टिंग कार्टल्स’ यानी ‘नोपेक’ की वजह से ‘ओपेक प्लस’ के सदस्य देश और इन देशों की ईंधन कंपनियों को प्रदान हुई सुरक्षा की गारंटी हटाई जाएगी। साथ ही सौदी की शीर्ष ईंधन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं वरिष्ठ नेताओं पर भी इस नोपेक की वजह से अमरीका की अदालतों में कार्रवाई की जा सकती है, ऐसा दावा इन सिनेटर्स ने किया था। लेकिन, इसकी वजह से अमरीका के सौदी एवं अन्य खाड़ी देशों के साथ संबंध बिगड़ेंगे, यह इशारा कुछ विश्लेषकों ने दिया था।

लेकिन, इसे अनदेखा करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ईंधन उत्पादन घटाने के निर्णय पर सौदी को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहने की धमकी दी थी। अमरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ बोलकर कार्रवाई का ऐलान किया जाएगा, ऐसी चेतावनी बायडेन ने दी थी। इस पर सौदी का तीव्र बयान प्राप्त हुआ है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने लगाएँ आरोप सौदी ने स्पष्ट शब्दों में खारिज किए हैं।

‘ईंधन बाज़ार की सप्लाई और माँग की अस्थिरता से वैश्विक एवं सदस्य देशों के हितों की रक्षा करने के लिए ईंधन उत्पादन में कटौती करने का निर्णय ‘ओपेक प्लस’ ने सहमति से लिया था। यह केवल सौदी का निर्णय नहीं है। इस वजह से अन्य कोई भी देश ओपेक प्लस के सदस्य देशों के आर्थिक हित तय करने की कोशिश ना करे’, ऐसी फटकार सौदी ने लगाई है। रशिया के समर्थन के लिए ओपेक प्लस ने यह निर्णय नहीं लिया है, ऐसा भी सौदी ने कहा।

इसी बीच ईंधन उत्पादन में कटौती एक महीने देरी से करने की बात बायडेन प्रशासन ने हमसे कही थी, ऐसी जानकारी सौदी ने दी। लेकिन, बायडेन प्रशासन की यह माँग किसी भी तरह से मंजूर नहीं की जा सकती। बायडेन प्रशासन की माँग स्वीकारने पर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार अस्थिर होगा, इस पर भी सौदी ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसे में अगले महीने अमरीका में हो रहे चुनावों की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने यह माँग की है, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं। 

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