नाइजर की सैन्य शासन ने फ्रान्स के राजदूत को निष्कासित करने के आदेश जारी किए – यूरोपिय महासंघ नाइजर की सेना पर लगाएगा प्रतिबंध

नियामे/टौलेदो – पिछले हफ्ते नाइजर की सैन्य हुकूमत ने फ्रान्स के राजदूत को देश छोड़कर जाने के आदेश दिए थे। लेकिन, नाइजर की सैन्य हुकूमत को अवैध करार देकर फ्रान्स ने अपने राजदूत को वापस बुलाने से इनकार किया था। नाइजर की सैन्य हुकूमत ने इसपर प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और फ्रान्स के राजदूत का राजनीतिक संरक्षण हटाया गया है। साथ ही फ्रेंच राजदूत के निष्कासन के आदेश भी दिए गए हैं। इसी बीच नाइजर के राष्ट्राध्यक्ष को नज़रबंद रखनेवाली सेना के वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी यूरोपिय महासंघ ने रखी है।

नाइजर की सैन्य शासन ने फ्रान्स के राजदूत को निष्कासित करने के आदेश जारी किए - यूरोपिय महासंघ नाइजर की सेना पर लगाएगा प्रतिबंधपिछले महीने नाइजर की सेना ने राष्ट्राध्यक्ष मोहम्मद बझूम की हुकूमत का तख्तापलट किया था। बझूम पश्चिमी देशों के इशारे पर काम कर रहे हैं, ऐसा आरोप नाइजर की सेना ने लगाया था। नाइजर की जनता ने सेना के इस विद्रोह का स्वागत किया था। साथ ही नाइजर की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे फ्रान्स और अन्य यूरोपिय देशों के राजदूत को निष्कासित करने की मांग की थी। नाइजर की जनता ने राजधानी नियामे में फ्रान्स के दूतावास के सामने तीव्र प्रदर्शन किए थे।

इसके बाद नाइजर की सैन्य हुकूमत ने फ्रान्स के राजदूत को ४८ घंटे में देश छोड़कर जाने की सूचना की थी। लेकिन, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रॉन ने नाइजर की सैन्य हुकूमत की सूचना का पालन करने से इनकार किया था। नाइजर की हुकूमत फ्रान्स को बिल्कुल भी मंजूर नहीं हैं यह कहकर मैक्रॉन ने अपने राजदूत को नाइजर में ही रुकने के आदेश दिए थे। राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की इस भूमिका का पश्चिमी देशों ने स्वागत किया था। लेकिन, यह भूमिका अपनाकर फ्रान्स ने नाइजर की सैन्य हुकूमत के साथ ही अन्य अफ्रीकी देशों से पंगा लिया है, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने दी है।

इन गतिविधियों के चार दिन बाद नाइजर की सैन्य हुकूमत ने गुरुवार को फ्रान्स के राजदूत के राजनीतिक संरक्षण हटाया है। साथ ही उनके निष्कासन के आदेश भी दिए हैं। फ्रेंच राजदूत और उनके परिवार का वीजा एवं अन्य अनुज्ञापत्र भी रद किए गए हैं। राजनीतिक संरक्षण हटाकर नाइजर की हुकूमत ने फ्रान्स के राजदूत की सुरक्षा अब हमारी ज़िम्मेदारी नहीं होगी, ऐसे संकेत भी दिए हैं। साथ ही फ्रान्स ने इस मुद्दे पर अपनाई भूमिका पर अपनी नाराज़गी भी जताई है।

नाइजर की सैन्य शासन ने फ्रान्स के राजदूत को निष्कासित करने के आदेश जारी किए - यूरोपिय महासंघ नाइजर की सेना पर लगाएगा प्रतिबंधनाइजर में फ्रान्स के करीबन १,५०० सैनिक तैनात हैं। आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए फ्रान्स ने नाइजर में यह तैनाती की थी। राजदूत का निष्कासन होने के बाद नाइजर की सैन्य हुकूमत आगे के समय में फ्रेंच सैनिकों के मुद्दे पर भी ऐसा ही निर्णय करने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो नाइजर और फ्रान्स के संबंधों में तनाव निर्माण होने की संभावना जताई जा रही हैं। यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने नाइजर के सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। जर्मनी इसके लिए बड़ी पहल कर रहा हैं।

नाइजर की सैन्य हुकूमत ने सिर्फ फ्रान्स के राजदूत के निष्कासन का निर्णय किया है। अमरीका या अन्य यूरोपिय देशों के राजदूत, राजनीतिक अधिकारी एवं सैन्य तैनाती को लेकर नाइजर की हुकूमत ने ऐसा निर्णय नहीं किया हैं, इसपर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इसी बीच, नाइजर में सैन्य उतारकर सैन्य हुकूमत को हटाने की पश्चिमी अफ्रीकी देशों की संगठन की योजना यूरोपिय देशों के लिए नया संकट साबित होगा, ऐसी चेतावनी इटली ने दी है। सेना के संघर्ष के बाद निर्माण होने वाली अस्थिरता के कारण शरणार्थियों के झुंड़ इटली पहुंच आएंगे और नया संकट शुरू होगा, ऐसी चेतावनी इटली दे रहा हैं।

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