अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन के नए सभापति की चीन को चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन के सभापति के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैकार्थी की नियुक्ति हुई हैं। इसके लिए किए गए चुनाव में मैकार्थी ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हकीम सेकाउ जेफ्रिस्‌‍ पर २१६ बनाम २१२ इस फरक से विजय हासिल की। इस जीत के बाद मैकार्थी ने किए बयान पर पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ हैं। राष्ट्रीय कर्ज़ और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का उदय यह दो प्रमुख चुनौतियां अमरीका के सामने हैं, ऐसा दावा मैकार्थी ने किया है। इस आर्थिक स्पर्धा में जीतने के लिए हम किसी से भी और हर एक से सहयोग करने के लिए तैयार हैं, यह ऐलान मैकार्थी ने किया।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी रहे केविन मैकार्थी डेमोक्रैटिक पार्टी की नैन्सी पेलोसी के स्थान पर चुने गए हैं और वह प्रतिनिधि सदन के सभापति पद का ज़िम्मा संभालेंगे। कांटे की टक्कर में बाजी जीतने में रिपब्लिकन पार्टी के मैकार्थी को मिली सफलता बड़ी अहमयित रखती हैं। इससे रिपब्लिक पार्टी का प्रतिनिधि सदन पर वर्चस्व बढ़ेगा और यह मुद्दा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के लिए चुनौती साबित हो सकता हैं, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्राध्यक्ष पद के कार्यकाल में उन्होंने अपनाई चीनी विरोदी नीति हम आगे बढ़ाएंगे, ऐसे स्पष्ट संकेत मैकार्थी ने अपने पहले ही भाषण से दिए हैं।

अमरीका का राष्ट्रीय कर्ज़ और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का उदय यह अमरीका के सामने की बड़ी चुनौतियां हैं। इसके विरोध में अमरिकी संसद से एक मुख से आवाज़ उठनी होगी। इसके बिना आर्थिक स्पर्धा अमरीका जीत नहीं सकती, ऐसा मैकार्थी ने कहा। साथ ही अमरीका से लाखों नौकरियां चुराने में चीन को इतनी सफलता कैसे मिल सकती है, इसकी जांच करने के लिए हम शासक और विरोधी दलों के सांसदों की कमेटी स्थापित करेंगे, यह ऐलान भी मैकार्थी ने किया। चीन, अमरीका का प्रबल आर्थिक प्रतिद्वंद्वी हैं। इस स्पर्धा में अमरीका को जीतना है तो चीन ने हमारे देश से भगाई लाखों नौकरियां अमरीका में वापस लानी होगी, यह कहकर मैकार्थी ने चीन विरोधी नए व्यापारी युद्ध की तैयारी रखी होने की बात दिख रही हैं।

इतिहास के संघर्ष में अमरीका हमेशा से जीती है और इस संघर्ष में भी अमरीका को विजय हासिल होगी, यह विश्वास मैकार्थी ने व्यक्त किया है। इसी बीच चीन की आर्थिक स्पर्धा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उदय को अमरीका की चुनौतियों के तौर पर देख रहे मैकार्थी ने सटिक शब्दों में अपनी प्राथमिकता का क्रम स्पष्ट किया है। अपने सभापति पद के कार्यकाल की शुरूआत चीन की निंदे उड़ानेवाले बयान करके मैकार्थी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ा संदेश दिया है। बायडेन प्रशासन चीन से प्राप्त हो रही आर्थिक और सामरिक चुनौतियों को पुरी तरह से अनदेखा करके पूरा ध्यान रशिया विरोधी हरकतों पर केंद्रीत कर रहा हैं, ऐसी आलोचना अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, आनेवाले समय में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन को इस तरह से मनमानी करना मुमकिन नहीं होगा, इसका स्पष्ट अहसास प्रतिनिधि सदन के नए सभापति ने कराया हैं।

मैकार्थी ने अपनाई इस भूमिका की बड़ी गूंज अमरिकी सियासत में सुनाई देगी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर भी इसका बड़ा प्रभाव बन सकता हैं।

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