इस्रायल में सरकार गठित करने के लिए नेत्यान्याहू का कट्टरपंथी गुट से गठबंधन

जेरूसलम – इस्रायल के चुनावों में बहुमत के साथ जीतने वाले बेंजामिन नेत्यान्याहू ने सरकार गठित करने के लिए इतमार बेन-ग्वीर के साथ गठबंधन किया। बेन-ग्वीर ने माध्यमों से की बातचीत के दौरान यह बात साझा की। साथ ही प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की इस सरकार में पुलिस मिनिस्टर यानी अंदरुनि सुरक्षा मंत्री के तौर पर बेन-ग्वीर की नियुक्ति किए जाने की खबर सामने आ रही है। इसकी वजह से इस्रायल के इतिहास में पहली बार काफी दक्षिणपंथी विचारधारा के कट्टरपंथी नेता सरकार का हिस्सा बनेंगे। इस बीच बेन-ग्वीर जैसे कट्टरपंथी नेता को नेत्यान्याहू के मंत्रिमंड़ल में स्थान मिला तो इस पर अमरीका, यूरोप एवं अरब देशों की प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं।

१ नवंबर को इस्रायल में हुए चुनावों में बेंजामिन नेत्यान्याहू की लिकूड और गठबंधन के दलों ने बहुमत प्राप्त किया था। साथ ही इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष आयसैक हर्जोग ने नेत्यान्याहू को ३० नवंबर से पहले सरकार गठित करने की सूचना की थी। इसके बाद नेत्यान्याहू ने चुनावों में समर्थन करने वाली पार्टियों से बातचीत शुरू की थी। हाल ही के दिनों से शुरू की गई इन कोशिशों को शुक्रवार को सफलता मिलने का ऐलान ‘ज्युईश पॉवर’ दल के प्रमुख बेन-ग्वीर ने किया। नेत्यान्याहू की लिकूड पार्टी के साथ सरकार गठित करने में शामिल होंगे, यह बेन-ग्वीर ने स्पष्ट किया।

लेकिन, इस्रायल की नई सरकार में कौनसा मंत्रीपद दिया जाएगा, यह बयान बेन-ग्वीर नहीं किया है। लिकूड पार्टी ने भी इसका कोई ऐलान नहीं किया है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने पहले ही बेन-ग्वीर को पुलिस मिनिस्टर अर्थात, अंदरुनि सुरक्षा मंत्री पद का ज़िम्मा दिया जाएगा, ऐसी खबरें जारी की हैं। नेत्यान्याहू ने चुनावी प्रचार में ऐसे संकेत दिए थे, यह इन माध्यमों का कहना है। ऐसा हुआ तो इस्रायल समेत वेस्ट बैंक के ‘बॉर्डर पुलिस’ की ज़िम्मेदारी भी बेन-ग्वीर पर होगी, यह दावा पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं।

पैलेस्टिन विरोधी सख्त नेता के तौर पर बेन-ग्वीर की पहचान है। द्विराष्ट्रवाद को भी उनका पूरा विरोध है। जेरूसमल के टेंपल माऊंट में यहूदियों को प्रार्थना करने की अनुमति मिले, ऐसी मांग बेन-ग्वीर ने पहले ही की थी। इसकी वजह से उनकी इस पद पर नियुक्ति विवादित हो सकती है, ऐसा इन माध्यमों का कहना है। वेस्ट बैंक में इस्रायली सैनिकों पर हो रहे हमलों की बढ़ोतरी और पैलेस्टिनीयों पर हो रही कार्रवाई के दौरान बेन-ग्वीर को सरकार में शामिल करके नेत्यान्याहू ने कुछ संकेत दिए हैं, ऐसा माध्यमों का कहना है।

इसी बीच, बेन-ग्वीर एवं बेज़लेल सोरीच इन दो कट्टरपंथी नेताओं को सरकार में मंत्रीपद बहाल ना किया जाए, इसके लिए अमरीका नेत्यान्याहू पर दबाव बना रही है, ऐसी खबरें भी प्राप्त हुई थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.