बारा से अधिक देश ‘ब्रिक्स’ का हिस्सा बन सकते हैं – रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह

मास्को – रशिया समेत भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका की ‘ब्रिक्स’ संगठन ने विस्तार करने की जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने ‘ब्रिक्स’ में लगभग १२ से अदिक नए देश शामिल होने की संभावना व्यक्त की है। इनमें अल्जिरिया, अर्जेंटिना और ईरान जैसें देशों का समावेश होने का बयान रशियन विदेश मंत्री ने किया। रशियन विदेश मंत्री के इस बयान की पृष्ठभमि पर अफ्रका के अल्जिरिया देश ने ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता के लिए आवेदन देने की जानकारी माध्यमों ने प्रसिद्ध की है।

रशिया और चीन एवं भारत की पहल से स्थापित की गई ‘ब्रिक्स’ की अहमियत बढ़ने की बात पिछले कुछ सालों से सामने आ रही है। अमरीका और यूरोपिय देशों ने मिलकर गठित किए ‘जी ७’ जैसें गुट को ‘ब्रिक्स’ चुनौती देती है, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रशिया विभिन्न स्तरों पर कोशिश कर रहा हैं। ब्रिक्स के विस्तार के लिए जारी कोशिश भी इसी का हिस्सा समझा जाता है।

जुलाई महीने में हुई ‘ब्रिक्स’ की बैठक के बाद रशिया के विदेश मंत्रालय ने अर्जेंटिना और ईरान का ज़िक्र करके यह देश ब्रिक्स का हिस्सा होने के लिए तैयार हैं, यह जानकारी प्रदान की थी। रशियन नेताओं ने ब्रिक्स संगठन ‘जी ७’ का विकल्प साबित हो सकता है, इसपर ध्यान आकर्षित किया था। उस समय ब्रिक्स में पश्चिमी देशों का समावेश नहीं किया जाएगा, यह भी स्पष्ट किया था। इस पृष्ठभूमि पर रशियन विदेश मंत्री ने किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

‘अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई देश ब्रिक्स का हिस्सा होने के लिए रुचि दिखा रहे हैं। फिलहाल १२ से भी अधिक नए देश ब्रिक्स का हिस्सा होने की तैयारी मे हैं’, ऐसा लैव्हरोव्ह ने कहा। कई देशों ने इसके लिए अधिकृत स्तर पर आवेदन दाखिल किए हैं, यह दावा भी उन्होंने किया। रशियन माध्यम और सूत्रों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार अल्जिरिया के साथ ईरान और अर्जेंटिना ने ब्रिक्स में अपना आवेदन दाखिल किया है। इसके अलावा सौदी अरब, तुर्की, इजिप्ट और अफ़गानिस्तान जैसें देशों का भी समावेश ब्रिक्स’ का हिस्सा होने की संभावना जतायी गई हैं।

ब्रिक्स में फिलहाल रशिया, भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका का समावेश हैं और यह देश विश्व की ४० प्रतिशत से भी अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए लगभग २५ प्रतिशत योगदान इन्हीं अर्थव्यवस्थाओं का हैं।

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