लीबिया ने अल-खुम्स बंदरगाह तुर्की को सौंपने का आरोप – देश में नाराज़गी सामने आने के बाद लीबिया ने इस खबर का किया खंडन

त्रिपोली – लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल दिबाह की हुकूमत तुर्की समर्थक हैं। इसी कारण से किसी भी अनुमति के बिना लीबिया की सरकार ने रणनीतिक नज़रिये से अहम अल-खुम्स बंदरगाह अल-खुम्स बंदरगाह सैन्यकीकरण करने के लिए तुर्की को सौंपने का आरोप लीबिया में लगाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री दिबाह की हुकूमत को घेरा जा रहा हैं और इस बीच देश में नाराज़गी सामने आ रही है। लेकिन, प्रधानमंत्री दिबाह की हुकूमत ने तुर्की को अल-खुम्स बंदरगाह किसी भी तरिके से सौंप नहीं दिया हैं, यह कहकर सरकार वर्णित खबर का खंडन किया है।

लीबिया ने अल-खुम्स बंदरगाह तुर्की को सौंपने का आरोप - देश में नाराज़गी सामने आने के बाद लीबिया ने इस खबर का किया खंडनलीबिया के प्रधानमंत्री दिबाह की हुकूमत तुर्की से मधूर संबंध बनाए होने का आरोप पहले भी लगाए गए थे। लीबिया में अपने विरोधियों को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री दिबाह ने तुर्की से सहायता पाने की खबरें पहले भी सामने आयी थी। तुर्की ने सीरिया स्थित चरमपंथी और आतंकवादियों की लीबिया भेजने के वीडियो सामने आए थे। लीबिया की सेना का विद्रोही नेता जनरल खलिफा के विरोध में तुर्की लीबिया के साथ खड़ा हुआ था।

लीबिया की दिबाह हुकूमत के साथ तुर्की खड़ा रहा। वहीं, रशिया और यूएई विद्रोही सेना नेता जनरल खलिफा के समर्थन में खड़े दिखाई दिए थे। इस वजह से लीबिया में तुर्की विरोधी यूएई संघर्ष शुरू हुआ था। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से लीबिया में शुरू यह संघर्ष खत्म हुआ है। फिर भी प्रधानमंत्री दिबाह की हुकूमत के खिलाफ लीबिया में फैला असंतोष बड़ी तीव्रता से सामने आ रहा है।

पिछले कुछ दिनों से लीबिया में संघर्ष हो रहा हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री दिबाह की नीति ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी बीच अब प्रधानमंत्री दिबाह ने अल-खुम्स बंदरगाह ९९ वर्षों के लिए तुर्की को भाड़े पर देने की जानकारी सामने आयी है। इस वजह से लीबिया में प्रधानमंत्री दिबाह के विरोध में असंतोष का विस्फोट हुआ है। लीबिया के प्रधानमंत्री ने इस आरोप का खंडन किया हो, फिर भी इससे पहले दिबाह ने तुर्की को प्रदान किए सहयोग पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।

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