लेबनान की स्थिति बड़ी ड़रावनी – संयुक्त राष्ट्रसंघ की चेतावनी

जिनेवा – राजनीतिक अस्थिरता की वजह से आर्थिक संकटों से घिरे लेबनान पर भीषण मानवीय संकट टूट गिरेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनाज़ और ईंधन की  उभरती किल्लत लेबनान का संकट अधिक ड़रावना बना रही है। इस वजह से आनेवाले समय में लेबनान में भूखमरी और कुपोषण की समस्या अधिक भयंकर होगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दी।

पिछले साल से लेबनान सामाजिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। लेबनान की अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ी करने के लिए फ्रान्स ने सहायता प्रदान की थी। लेकिन, इससे लेबनान की अर्थव्यवस्था ज्यादा लाभ नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने लेबनान के लिए नियुक्त किए विशेष दूत नजात रोश्‍दी ने जिनेवा की बैठक में लेबनान की स्थिति पर अपना निरिक्षण रखा।

यूक्रेन युद्ध की वजह से पूरे विश्‍व में बनी अनाज़और ईंधन की किल्लत के भीषण परिणाम, पहले ही टूटने की कगार पर पहुँचे लेबनान पर होने की चिंता रोश्‍दी ने व्यक्त की। लेबनान के करीबन २२ लाख लोगों को शीघ्रता से अन्न सुरक्षा की ज़रूरत है। लेबनान की जनसंख्या ६९ लाख है। इनमें से करीबन एक तिहाई जनता के सामने भूखमरी का संकट खड़ा हो सकता है, ऐसी चेतावनी रोश्‍दी ने दी है।

ऐसें में इस देश के एक-तिहाई जनसंख्या बेरोजगार है और इनमें युवाओं की संख्या ५० प्रतिशत होने का बयान रोश्‍दी ने किया है। लेबनान के सकल राष्ट्रीय उत्पादन मे ६.५ प्रतिशत गिरावट होगी, ऐसी चेतावनी पहले ही दी थी, इस ओर भी रोश्‍दी ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से लेबनान टूट गिरने की कड़ी संभावना सामने आ रही है। इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आवश्‍यक राजनीतिक स्थिरता लेबनान में नहीं है, यही बात सबसे घातक साबित होगी।

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