हेल्मंड नदी के जल को लेकर अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को ईरान का इशारा

तेहरान – अफ़गानिस्तान से बहने वाली हेल्मंड नदी के जल बटवारे को लेकर ईरान और अफ़गानिस्तान की तालिबान की हुकूमत का विवाद शुरू हुआ है। तालिबान ने ईरान के अधिकार स्वीकार नहीं किए तो इसके लिए कार्रवाई करने का पूरा अधिकार ईरान रखता है, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दी है। एक महीने के भीतर तालिबान इस विवाद पर अपनी भूमिका स्पष्ट करें, यह इशारा भी ईरान ने दिया है। कुछ दिन पहले इसी मसले को लेकर तालिबान ने ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी का मज़ाक उड़ाया था। इसके बाद ईरान की यह प्रतिक्रिया सामने आयी है।

वर्ष १९७३ में ईरान और उस समय की अफ़गान हुकूमत के बीच हेल्मंड नदी के जल बटवारे को लेकर समझौता हुआ था। इसके अनुसार ईरान को ८२ करोड़ क्युबिक मीटर पानी की आपूर्ति करने पर स्वीकृति हुई थी। ईरान के सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में बनाए बांधों में इस पानी का भंड़ारण होता है और इसे आगे छोड़ा जाता है। लेकिन, हेल्मंड नदी से ईरान को सिर्फ २.७० करोड़ क्युबिक मीटर पानी की ही आपूर्ति होने की शिकायत ईरान की सरकार कर रही हैं। ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने इसके लिए तालिबान से गुहार लगाई थी।

लेकिन, तालिबान के कमांडर ने वीडियो जारी करके ईरान के राष्ट्राध्यक्ष का मज़ाक उठाया। एक बाल्टी में पानी भरकर यही ईरान की जनता के लिए होने का दावा किया। हम ईरान को यह पानी दे रहे हैं, नहीं तो वह हपर हमला करेंगे, ऐसा मज़ाक इस तालिबानी कमांडर ने उड़ाया था। ईड़ान के राष्ट्राध्यक्ष ने सैन्य कार्रवाई की दी हुई धमकी के जवाब में यह वीडियो जारी करने का बयान तालिबान ने किया था। लेकिन, इससे ईरान अधिक ही बौखलाया है और ईरान के विदेश मंत्रालय ने तालिबान को एक महीने का अवधि दिया है।

इसी महीने के भीतर तालिबानी हुकूमत वर्ष १९७३ के समझौते का सम्मान करके पानी का आपूर्ति शुरू करें, ऐसी चेतावनी ईरानी विदेश मंत्रालय ने दी है। तालिबान ने इस मांग पर गौर नहीं किया तो आगे की कार्रवाई करने का अधिकार हम रखते हैं, यह इशारा भी ईरान ने दिया है।

इसी बीच, ईरान में बनी पानी की किल्लत अधिक गंभीर हो रही हैं। ईरान में सूखे का संकट संभालने में रईसी हुकूमत असफल होने की आलोचना भी हो रही हैं।

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