करेन्सी के गिरावट से ईरानी हुकूमत में मतभेद हुए तीव्र – ब्रिटेन स्थित ईरानी वृत्तसंस्था का दावा

तेहरान – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान की हुई घेराबंदी औ पिछले चार महीनों से हो रहे प्रदर्शनों की वजह से ईरान की करेन्सी रियाल के मूल्य की विक्रमी गिरावट हुई हैं। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रति डॉलर रियाल का मूल्य ४ लाख, ३० हज़ाल रियाल्स हुए हैं। देश में भड़की महंगाई की गूंज ईरान की संसद में सुनाई दे रही हैं। अबतक ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी की सरकार का समर्थन करते रहे चरमपंथी नेताओं के बीच ही इस मुद्दे पर मतभेद होने का दावा ब्रिटेन स्थित ईरानी वृत्तसंस्था ने किया है।

ईरानी हुकूमतसाल २०१८ में अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के परमाणु समझौते से पीछे हटकर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। अमरीका के यूरोपिय मित्र देशों ने भी ट्रम्प की इस भूमिका का समर्थन नहीं किया। लेकिन, तभी से ईरान के रियाल की शुरू हुई गिरावट अभी तक रुकी नहीं हैं। पिछले साल अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ईरान के साथ किया २०१५ का परमाणु समझौता दोबारा जीवित करने का ऐलान किया। साथ ही ईरान पर लगाए सभी प्रतिबंध हटाने के संकेत देने के बाद ईरान का रियाल मज़बूत हुआ था।

ईरानी हुकूमतलेकिन, पिछले डेढ़ सालों से अमरीका और ईरान के बीच इसी परमाणु समझौते पर बातचीत जारी हैं और इससे ज्यादा कुछ प्राप्त नहीं हो सका, ऐसा दावा यूरोपिय देशों ने किया था। प्रतिबंध जारी रहने की बात भी स्पष्ट हुई। इसका असर ईरान के रियाल पर होता दिख रहा है। इसी बीच पिछले चार महीनों से ईरान में सरकार विरोधी, हिज़ाब सख्ति विरोधी तीव्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों का भी रिलाय के मूल्य पर असर हुआ है, ऐसा दावा ब्रिटेन स्थित ईरानी वृत्तसंस्था ने किया है।

ईरानी हुकूमतप्रदर्शन शुरू होने के बाद रिलाय के मूल्य की २० प्रतिशत गिरावट होने की बात इस वृत्तसंस्था ने कही है। ईरान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर अली सालेहबादी ने इसके लिए देश में जारी प्रदर्शन और अमरीका के प्रतिबंधों को ज़िम्मेदार बताया था। कुछ हफ्ते पहले सालेहबादी ने इस गिरावट को रोकने के लिए कुछ प्रावधान किए थे। लेकिन, इसके बावजूद भी ईरानी मूल्य की गिरावट रोकने में सालेहबादी नाकाम हुए और जल्द ही उन्हे पद से हटाया जाएगा, यह दावा किया जा रहा है।

इसी बीच रियाल की इस गिरावट के कारण ईरानी संसद में चरमपंथी नेता एवं सेना के कुछ अधिकारी भी बड़े गुस्सा होने की जानकारी इस वृत्तसंस्था ने साझा की है। कुछ हफ्ते पहले राष्ट्राध्यक्ष रईसी का समर्थन करते दिखे यह नेता और सेना अधिकारी अब रईसी की आलोचना कर रहे हैं, इसपर वर्णित वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया है।

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