ईरान के परमाणु कार्यक्रम के घातक परिणाम हो सकते हैं – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन

पैरिस – ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गूंज सुनाई दिए बिना नहीं रहेगी, ऐसा इशारा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दिया है। इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू से चर्चा के बाद फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष का यह इशारा बड़ी अहमियत रखता है। इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू फ्रान्स के दौरे पर हैं। उन्होंने फ्रान्स को ईरान के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाने के लिए की हुई राजनीतिक कोशिश में सफलता हासिल पाई, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

हाल ही में इस्रायल के प्रधानमंत्री बने बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ईरान के खिलाफ राजनीतिक मोर्चा खोला है। नेत्यान्याहू का फ्रान्स दौरा इसी का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू और राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन की मुलाकात के बाद फ्रान्स ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दिया हुआ इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसका दाखिला देकर प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के राजनीतिक मोर्चे को सफलता मिलने के दावे विश्लेषक कर रहे हैं। साल २०१५ में अमरीका और यूरोपिय देशों ने मिलकर ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था। लेकिन, ईरान ने यूक्रेन युद्ध में रशिया को ड्रोन्स प्रदान करने के बाद अपने ही देश में प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करके यूरोपिय देशों का समर्थन खो दिया है, ऐसा दावा इस्रायली प्रधानमंत्री ने इस फ्रान्स दौरे के दौरान किया।

इसी बीच ईरान के इस्फाहन शहर में मिसाइल एवं ड्रोन निर्माण करने वाले कारखाने में भीषण विस्फोट हुआ था। इस घटना में वर्णित कारखाने का भारी नुकसान होने के दावे किए जा रहे हैं। शुरू में इस घटना की जानकारी दबाने की कोशिश करते हुए ईरान ने बाद में इस विस्फोट के पिछे इस्रायल की गुप्तचर यंत्रणा मोसाद का हाथ होने का बयान किया था। इस पर अभी इस्रायल से प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, इस हमले के पृष्ठभूमि पर इस्रायली प्रधानमंत्री के फ्रान्स दौरे के राजनीतिक और सामरिक अहमियत बढ़ती दिख रही है।

ईड़ान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष के इशारे के बाद ईरान के परमाणु अस्त्रों से होने वाले खतरे का अहसास इस्रायली प्रधानमंत्री ने कराया। परमाणु बम पाने के बाद ईरान खाड़ी देशों में अपनी दखलअंदाज़ी अधिक बढ़ाएगा और इसके घातक परिणाम सामने आएंगे, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दिया है। साथ ही यूक्रेन पर हमले करने के लिए रशिया को ड्रोन्स की आपूर्ति करके ईरान ने यूरोपिय देशों की सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण किया है, इस पर भी नेत्यान्याहू ने ध्यान आकर्षित किया।

फ्रान्स के बाद यूरोप के प्रमुख देश जर्मनी भी ईरान के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाएं, इसके लिए इस्रायली प्रधानमंत्री कोशिश करेंगे, ऐसे संकेत विश्लेषक दे रहे हैं। ईरान के खिलाफ खाड़ी देशों के साथ ही यूरोपिय देशों का गुट बनाकर ईरान को घेरने की जोरदार तैयारी इस्रायल की नई सरकार ने की है। ईरान पर सैन्य कार्रवाई करने के स्पष्ट संकेत इस्रायली सरकार दे रही है और तभी राजनीतिक मोर्चे पर ईरान को अधिक मुश्किल में डालने के लिए इस्रायल ने गतिविधियां बढ़ाई हैं। इसके लिए यूक्रेन युद्ध में ईरान ने रशिया की सहायता करने के निर्णय का इस्रायल के प्रधानमंत्री बड़ी कुशलता से इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 

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