ईरान की संसद में प्रदर्शनकारियों को मृत्यूदंड़ देने की मांग

– सुरक्षा रक्षकों ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने का आरोप
– हिज़ाब सक्ति का विरोध कर रहें गायक की जेल मे हुई हत्या
– ईरान के सुन्नी नेताओं ने किया प्रदर्शनकारियों का समर्थन

तेहरान – ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के विरोध में प्रदर्शन करनेवालों से  दया ना दिखाए। इन प्रदर्शनकारियों को सबक सिखायी जाएग, उन्हें मृत्यूदंड़ की सज़ा दे, ऐसी मांग ईरान की संसद में की गई है। इसी बीच ईरान के अल्पसंख्यांक सुन्नी पंथी धार्मिक नेताओं ने प्रदर्शनकारियों की मांग पर सार्वमत करने की गुहार लगायी है। इस वजह से ईरान में हिजाब सक्ति का विवाद अधिक बिगड़ने के आसार दिखाई देने लगे हैं। ईरानी सुरक्षा यंत्रणा की कैद मे प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे गायक की हत्या होने की बात सामने आयी है। इसी बीच सुरक्षा रक्षकों ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंद गोलीबारी करने का आरोप अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन ने लगाया है।

२२ वर्ष की माहसा अमिनी नामक कुर्द युवती की हत्या के बाद ईरान में हिज़ाब सक्ति के खिलाफ भड़के प्रदर्शन लगातार सातवे हफ्ते शुरू हैं। ईरान की सुरक्षा यंत्रणा की कार्रवई में अबतक ३०० प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और १५ हज़ार से भी अधिक की गिरफ्तारी की गई है। इनमें विदेशी नागरिकों का भी समावेश होने का दावा किया जा रहा है। ईरानी सुरक्षा यंत्रणा की हिरासत मे होने वाले इन प्रदर्शनकारियों के विरोध में एक साथ मुकदमा चलाने की माँग पीछले हफ्ते सामने आयी थी।

रविवार को ईरानी संसद में प्रदर्शनकारियों पर बड़ी सख्त कार्रवाई करने की मांग हुई। ईरान के २२७ सांसदों ने प्रदर्शनकारियों का धर्म के शत्रु बताकर उन्हे थोड़ी भी दया ना दिखाए, आयएस के आतंकी करार दे, ऐसी सिफारीश की गई है। ईरान के कानुन के अनुसार ऐसों को मृत्यूदंड़ की सज़ा सुनाई जाती है। इस वजह से इन सांसदों ने अप्रत्यक्ष ढ़ंग से इन सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को सीधे मृत्यूदंड़ देने की मांग करने की भयंकर बात पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

ईरानी संसद में इसपर अभी निर्णय होना बाकी है। लेकिन, ईरान के और कुछ गूट प्रदर्शनकारियों के समर्थन मे आगे आ रहे हैं। कुर्द वंशियों के साथ ईरान में अल्पसंख्याक हुए सुन्नी पंथी भी प्रदर्शनकारियों के पक्ष मे खड़े हुए हैं। दो दिन पहले सुन्नी पंथीयों के धार्मिक नेता मौलवी अब्दुलहमीद इस्माईलझा ने ईरान के अन्य धार्मिक नेताओं को और हुकूमत को प्रदर्शनकारियों की मांग पर सार्वमत कराने की गुहार लगायी। इससे पहले ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष की बेटी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरी थी। इस वजह से ईरान का हिजाब सक्ति विरोधी विवाद अधिक तीव्र होने लगा, ऐसा दिख रहा है।

इन प्रदर्शनों को स्कूल, कॉलेज, युनिवर्सिटी जैसें शिक्षा क्षेत्र समेत कला और उद्योग क्षेत्र से भी बड़ा समर्थन प्राप्त हो रहा हैं। इसी बीच इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए ईरान की सुरक्षा यंत्रणा रक्तरंजित कार्रवाई करने के आरोप मानव अधिकार संगठन लगा रहे हैं। ईरान के एक गायक की सुरक्षा यंत्रणा की कैद में संदिग्ध मौत हुई। यह मामला सामने आते ही यह हत्या का होने का आरोप प्रदर्शनकारी लगा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा सैनिकों ने रविवार को ईरान के कुर्दिस्तान प्रांत के मारीवान शहर में अंधाधुंध गोलीबारी करने से ३५ लोग घायल हुए, ऐसा आरोप अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन ने लगाया हैं।

इसी के साथ प्रदर्शनकारियों के हमलों में हमारे सैनिक ही मारे जा रहे हैं, ऐसा जवाबी आरोप सुरक्षा यंत्रणा लगा रही है। ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के प्रदर्शनकारी और स्थानीय पुलिस के हुए संघर्ष में चार सैनिक मारे गए, यह दावा ईरान की पुलिस यंत्रणा ने किया। पहले भी प्रदर्शनकारियों हमले में रिवोल्यूशनरी गार्डस्‌‍ और बसिज मिलिशिया के सैनिकों के मारे जाने की खबरें सामने आयी थी। लेकिन, ईरानी सुरक्षा यंत्रणा झूठी खबरें फैला रही हैं, ऐसा आरोप प्रदर्शनकारी लगा रहे हैं।

इसी बीच रविवार से ईरान की युनिवर्सिटीज्‌‍ में अधिक आक्रामक प्रदर्शन शुरू होने के वीडियोज्‌‍ सामने आ रहे हैं। युवा औड़ युवतियां युनिवर्सिटी के क्षेत्र में ही हुकूमत के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे हैं और उन्हें उनके शिक्षकों का साथ प्राप्त हो रहा है। ऐसें में अब प्रदर्शनकारियों पर कारवाई करने के मुद्दे पर अब ईरान की सुरक्षा यंत्रणा में भी मतभेद होने का दावा किया जा रहा है।

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