अमरिकी डॉलर जल्द ही वैश्विक मुद्रा का स्थान खो देगा – ‘लेहमन ब्रदर्स’ के पूर्व अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरिकी डॉलर का मूल्य फिलहाल सर्वोच्च स्तर पर हैं, लेकिन करीब समय में डॉलर विश्व स्तर पर आरक्षित मुद्रा का स्थान खो देगा, ऐसी चेतावनी ‘लेहमन ब्रदर्स’ के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी लॉरेन्स मैकडोनाल्ड ने दी। वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल हो रही ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा का हथियार की तरह हो रहा इस्तेमाल डॉलर का वर्चस्व खत्म कर रहा है, यह इसारा भी उन्होंने इस दौरान दिया। पिछले कुछ महीनों से अमरिकी डॉलर अधिक से अधिक मज़बूत हो रहा हैं और इसका असर विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर हो रहा हैं। इस वजह से कई देशों ने स्थानिय मुद्राओं के साथ मुद्रा के अन्य विकल्प इस्तेमाल करने पर जोर देना शुरू किया हैं। कुछ महीने पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी इसपर ध्यान आकर्षित किया था।

‘अमरिकी डॉलर अगले समय मे अपना शीर्ष स्थान खो देगा। संभव हो, यह बात जल्द नहीं होगी। अमरीका की प्रचंड़ संपत्ति, सैन्य सामर्थ्य की वजह से डॉलर का अस्त होने के लिए मुमकिन हो २० से ३० साल भी लग सकेंगे। लेकिन, आरक्षित मुद्रा के तौर पर डॉलर का अंत होगा, इसमें कोई आशंका नहीं। डॉलर फिलहाल अपने सर्वोच्च स्तर पर हैं’, इसपर लॉरेन्स मैकडोनाल्ड ने ध्यान आकर्षित किया।

पश्चिमी देश हर दस साल बाद प्रतिबंध और स्विफ्ट का इस्तेमाल करने का खेल कर रहे हैं। अब यह खेल कई देशों के खिलाफ शुरू हुआ हैं। युद्ध के दौर में रशिया पर लगाए प्रतिबंध समझा सकते हैं। लेकिन, एक ही समय पर आप ने दस देशों पर प्रतिबंध लगाने पर समस्या गंभीर होती है। प्रतिबंध लगाए देशों को अमरीका के विरोध में गुट बनाने का अवसर प्राप्त होता हैं। फिलहाल यही हो रहा हैं’, ऐसें भी लेहमन ब्रदर्स के पूर्व अधिकारी ने आगाह किया। अगले दो सालों में अमरिकी डॉलर की बड़ी फिसलन होगी, यह अनुमान भी लॉरेन्स मैकडोनाल्ड ने व्यक्त किया है।

पिछले साल रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अमरीका की डॉलर का आरक्षित मुद्रा का स्थान खत्म कर रही हैं, ऐसा आरोप लगाया था। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका और मित्र देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इसमें अंतरराष्ट्रीय ‘स्विफ्ट’ यंत्रणा का इस्तेमाल करने पर लगाई रोक का भी समावेश था। इसके विकल्प के तौर पर रशिया ने रूबल के साथ अन्य प्रमुख मुद्राओं का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया था। रशिया के साथ व्यापार कर रहें प्रमुख देशों ने यह प्रस्ताव स्वीकार करके इसका कार्यान्वयन भी शुरू किया था।

इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अमरीका के अभ्यास गुटों ने अमरिकी डॉलर को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी। अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़ी व्यवस्था में उथल-पुथल हो रही हैं और कुछ देश विदेशी मुद्राकोष में डॉलर का हिस्सा कम करने का विचार शुरू होने की चेतावनी मुद्राकोष के वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ्ाों ने दी थी। विश्व की कुछ सेंट्रल बैंकस्‌‍ भी अमरिकी डॉलर की निर्भरता उचित है या नहीं, इसप सोच-विचार कर रहे हैं, इसपर भी अमरिकी अभ्यासगुट ने ध्यान  आकर्षित   किया था।

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