इस्रायल को ईरान बड़ी आग में धकेल रहा हैं – अंतरारष्ट्रीय विश्लेषक की चेतावनी

जेरूसलम – गाज़ापट्टी और लेबनान से किए गए रॉकेट हमले और बाद में सीरिया की सीमा से इस्रायल में हुई घुसपैठ और मिसाइल हमलें इस्रायल की सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। पिछले हफ्ते में इस्रायल की सेना ने इन सभी हमलों पर प्रत्युत्तर दिया। लेकिन, एक ही समय पर गाज़ापट्टी, लेबनान और सीरिया से हमले करके ईरान अब इस्रायल को बड़ी आग में धकेल रहा हैं, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दी हैं।

पिछले हफ्ते में गाज़ापट्टी और लेबनान की सीमा से इस्रायल पर करीबन ७८ रॉकेटस्‌‍ दागे गए। हमास और हिज़बुल्लाह ने मिलकर इन हमलों को अंजाम दिया है, फिर भी इसके पीछे ईरान होने की संभावना को बिल्कुल ही नहीं ठुकराया जा सकता, ऐसा इस्रायली माध्यमों का कहना हैं। ईरान ने इन दो मोर्चों प र इस्रायल की दो सीमाओं पर संघर्ष की स्थिति निर्माण की हैं। इसके साथ ही जुड़ाय और समारिया इन दो इस्रायली शहरों में इस्रायल विरोधी संघर्ष शुरू किया जा रहा हैं। इन दोनों शहरों में इस्रायली नागरिक और सैनिकों पर हमले किए जा रहे हैं।

इस्रायल ने अबतक गाज़ापट्टी और लेबनान से हो रहे हमलों पर जोरदार प्रत्युत्तर दिया। लेकिन, देश में शुरू अंदरुनि संघर्ष रोकने में इस्रायल कामयाब नहीं हुआ हैं। इस तरह से ईरान ने एक ही समय पर चार मोर्चों पर इस्रायल विरोधी आग भड़कायी हैं, इसपर इस्रायल के पूर्व सेना अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन, ईरान की इस्रायल विरोधी कार्रवाई वहीं रुकी नहीं हैं, पिछले हफ्ते सीरिया की सीमा से उड़ान भरनेवाले ईरानी ड्रोन ने इस्रायल में घुसपैठ की थी। इसी बीच दो दिन पहले सीरिया से इस्रायल पर रॉकेटस्‌‍ भी दागे गए।

इस्रायल के लड़ाकू विमानों ने सीरिया के ठिकानों को लक्ष्य किया। लेकिन, इससे ईरान ने एक ही समय पर गाज़ा, लेबनान, सीरिया एवं देश के अंदरुनि स्तर पर इस्रायल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा निर्माण किया है, इसपर अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने बयान किया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी ईरान ने इस्रायल को अलग-थलग करने का दावा इन विश्लेषकों ने किया।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पिछले कुछ महीनों से सामने आ रही जानकारी ध्यान आकर्षित कर रही हैं। बायडेन प्रशासन ने इस्रायल और यूरोपिय मित्रदेशों को पूर्व कल्पना दिए बिना ईरान के साथ अंतरिम परमाणु समझौता करने की गतिविधियां तेज़ की हैं। इसके तहत ईरान पर लगाए प्रतिबंध शिथिल करके आर्थिक सहुलियत मुहैया करने की तैयारी बायडेन प्रशासन ने करने का दावा अमरीका की वृत्तसंस्था ने किया था। बायडेन प्रशासन ने इसका अभी खंड़न नहीं किया है। इस वजह से अमरीका अभी भी ईरान के साथ परमाणु समझौता करने पर कायम होने की बात स्पष्ट हो रही है।

इसके साथ ही ईरान ने परमाणु बम बनाया तो भी बायडेन प्रशासन को आपत्ति ना होने के संकेत अमरिकी रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दिए थे। इससे बायडेन प्रशासन ने अपनी ईरान संबंधित भूमिका मं बदलाव करने की नाराज़गी इस्रायल ने व्यक्त की थी। साथ ही ईरान ने सौदी अरब के साथ संबंध सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं। इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करने वाले यूएई और बहरीन के साथ भी संबंध सुधारने के लिए ईरान की कोशिश शुरू है। इस वजह से ईरान ने धीरे धीरे इस्रायल को बड़ी आग की ओर धकेला हैं, ऐसी चेतावनी यह विश्लेषक दे रहे हैं।

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