अमरीका, यूरोप वियना में बातचीत की कोशिश कर रहे हैं और तभी ईरान ने नातांज़ प्रकल्प में नए सेंट्रीफ्यूजेस इन्स्टॉल किए

तेहरान – ईरान के परमाणु समझौते को फिर से जीवित करने के लिए वियना में बातचीत सफल नहीं हुई थी। लेकिन, अब वियना में फिर से बातचीत शुरू करने के लिए अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने कोशिश शुरू की है। जल्द ही अमरीका और महासंघ के प्रतिनिधि वियना पहुँचेंगे। इसकी खबरें प्राप्त हो रही हैं और इसी दौरान ईरान ने नातांज़ परमाणु प्रकल्प में सेंट्रीफ्यूजेस के नए कैस्केड लगाने की गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। इससे पहले ही ईरान के परमाणु प्रकल्प में बढ़ रही संख्या चिंता का विषय बनी है, ऐसा बयान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने किया था।

ईरान के ‘नूर न्यूज’ ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था ने नातांज़ के अहमदी रोशल प्रकल्प में ‘आईआर-१’ और ‘आईआर-६’ प्रकार के सेींफ्यूजेस लगाना शुरू किया है। प्रकल्प के तहखाने में यह काम जारी है और इस प्रकल्प को सुरक्षा मुहैया की गई है, यह जानकारी भी ईरान की वृत्तसंस्था ने साझा की। दो दिन पहले ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था ने ईरान के परमाणु प्रकल्प में सैंकड़ों सेंट्रीफ्यूजेस कार्यान्वित करने के आदेश दिए थे। कुछ दिन पहले अमरीका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए थे। इसके जवाब में इस तरह से सेंट्रीफ्यूजेस कार्यान्वित करने का निर्णय हुआ था, ऐसा परमाणु ऊर्जा संस्था ने स्पष्ट किया। ईरान के विदेश मंत्री हुसेन आमिर अब्दुल्लाहियान ने भी नातांज़ प्रकल्प में सेंट्रीफ्यूजेस का इन्स्टॉलेशन यानी अमरीका को जवाब होने का ऐलान किया था।

ईरान की इन गतिविधियों में व्यस्त होने के बीच ही अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने साल २०१५ के परमाणु समझौते को पुनर्जिवित करने की नई कोशिश शुरू करने का ऐलान किया। वियना की बातचीत में महासंघ का नेतृत्व कर रहे एन्रीक मोरा ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी सार्वजनिक की। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ईरान के साथ बातचीत के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत रॉब मैली भी अगले कुछ घंटों में वियना पहुँचेंगे। इस वजह से ईरान की इन गतिविधियों के बावजूद बायडेन प्रशासन ईरान से बातचीत करने के लिए उत्सुक दिख रहा है।

ईरान ने हाल ही के दिनों में बायडेन प्रशासन परमाणु समझौते को लेकर गंभीर ना होने का आरोप लगाया था। साथ ही साथ ईरान ने परमाणु बम के निर्माण के लिए ज़रूरी प्रौद्योगिकी और सामान पाया है, ऐसी चेतावनी ईरान के वरिष्ठ नेता ने दी थी। इस्रायल ने ईरान के इस ऐलान पर ध्यान आकर्षित करके पश्चिमी देश ईरान के साथ कर रहे परमाणु समझौते के लिए हम बंधे ना होने का ऐलान किया था। साथ ही जरुरत पडने पर ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने की क्षमता इस्रायल रखता है, यह इशारा इस्रायली रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने दिया था।

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