रशियन प्रभाव क्षेत्र को झटका देने के लिए अमरिका के विदेशमंत्री पोम्पिओ कर रहे है बेलारूस की यात्रा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमिन्स्क: ‘बेलारूस और रशिया के संबंधों का काफी बडा इतिहास है| यहां पर बेलारूस ने दोनों में से अमरिका का चयन किया यह मुद्दा नही| अमरिका को यहां आना था, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने बेलारूस की यात्रा का अपना उद्देश्य स्पष्ट किया| पांच वर्ष पहले रशिया के पहल से गठित युरेशियन युनियनका हिस्सा बने बेलारूस की अमरिकी विदेशमंत्री की यह यात्रा ध्यान आकर्षित कर रही है| यह यात्रा रशिया के प्रभाव क्षेत्र को झटका देने की कोशिशों का हिस्सा समझा जा रहा है|

वर्ष १९९१ में उस समय के रशियन संघराज्य का विभाजन होने के बाद बेलारूस स्वतंत्र देश बना था| इशके बाद अमरिका से राजनयिक संबंध स्थापित करनेवाले बेलारूस ने वर्ष २००८ में अपने राजदूत को अमरिका से वापिस बुलाया था| इसी दौरान रशिया का नियंत्रण स्वीकारनेवाले व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस को फिर से रशिया से नजदिक लाने की कोशिश शुरू की थी| वर्ष २०१५ में गठित युरेशियन युनियनमें बेलारूस का शामिल होना रशिया का बेलारूस पर बढता प्रभाव रेखांकित करनेवाली घटना समझी जाती है|

ईंधन की आपर्ति, आर्थिक सहयोग और बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को के एकाधिकार का समर्थन करके रशियाने बेलारूस पर अपनी पकड जमाने में कामयाबी हासिल की थी| पर, पिछले कुछ वर्षों में ईंधन के मुद्दे पर दोनों देशों में अनबन बढनी शुरू हुई थी| रशिया पुरस्कृत युरेशियन युनियनका सदस्य बेलारूस ने युक्रैन के क्रिमिआप्रांत पर रशिया ने किया कब्जा मंजूर करने से भी इन्कार किया था| साथ ही बेलारूस को भी अपना हिस्सा बनाने की कोशिश रशिया कर रहा है, यह बातचीत भी शुरू हुइ|

बेलारूस और रशिया के नेतृत्व ने इस बातचीत से इन्कार किया है, फिर फिर भी इससे दोनों देशों में अविश्‍वास का माहौल बना| इसी पृष्ठभूमि पर युक्रैन से नजदिकी बनाने में सफल हुई अमरिका ने बेलारूस की दिशा में भी गतिविधियां शुरू की थी| पिछले वर्ष अगस्त महीने में अमरिका के भूतपूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को से भेंट की| शनिवार के दिन अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने बेलारूस की यात्रा करना अगला स्तर समझा जा रहा है|

अपनी यात्रा के दौरान पोम्पिओ ने बेलारूस को सभी तरह की सहायता करने के लिए अमरिका तैयार है, यह स्पष्ट किया| ‘बेलारूस ने स्वयं ही सार्वभूम देश बनकर खडा रहे, इस लिए अमरिका सभी तरह की सहायता करेगी| अमरिका का ईंधन उत्पाद बेलारूस को आवश्यक १०० प्रतिशत ईंधन की मांग उचित दामों में पुरी कर सकता है| बेलारूस को संपन्न देश करने के लिए और सुरक्षा के लिए किसी भी एक सहयोगी देश पर निर्भर रहने की जरूरत नही है, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री ने बेलारूस रशिया की पकड से आजाद हो सकता है, यह संकेत भी दिए|

बेलारूस की यात्रा से पहले विदेशमंत्री पोम्पिओ ने युक्रैन जाकर राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की से बातचीत की| बेलारूस की यात्रा के बाद पोम्पिओ कझाकस्तान और उजबेकिस्तान की यात्रा करेंगे| पिछले कुछ वर्षों में बेलारूस समेत यह दोनों देश रशिया एवं चीन के प्रभाव में होने की बात हो रही है| अमरिकी विदेशमंत्री की यह यात्रा इस प्रभाव को झटका देने की कोशिश का हिस्सा होने की बात दिख रही है|

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