भारतीय सेना जल्द ही ‘हाय-टेक’ बनेगी – सीमा पर ज़ासूसी के लिए ८५० ‘नैनो डोन्स’ की होगी शीघ्रता से खरीद

नई दिल्ली – चीन से जुड़े ‘एलएसी’ पर तैनात अपने सैनिकों के लिए ‘हाय-टेक’ हथियार मुहैया कराने के लिए भारतीय सेना ने तेज़ी से निर्णय लेना शुरू किया है। पिछले हफ्ते ‘जेट पैक’ और ‘रोबोटिक मूल्स’ खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित करने के बाद भारतीय सेना ने ‘नैनो ड्रोन्स’ शीघ्रता से खरीदने की तैयारी की है। सेना ने ८५० ‘नैनो ड्रोन्स’ खरीदने की मांग प्रस्तावित की है और यह ड्रोन्स ‘एलएसी’ के करीब तैनात किए जाएंगे, यह दावा किया जा रहा है। इससे पहले भारतीय सेना ने आर्टिफिशियल इटेलिजन्स पर आधारित स्वार्म ड्रोन्स खरीदने के भी संकेत दिए थे।

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच मुठभेड़ होने के बाद तकरीबन ढ़ाई साल बीत चुका है। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं और राजनीतिक अधिकारियों की चर्चा के नौं दौर हुए हैं, इसके बावजूद एलएसी पर तनाव बना हुआ है। चीन द्बारा एलएसी के करीब अपनी तैनाती बढ़ाने की खबरे सामने आ रही है। साथ ही गलवान संघर्ष में वहां के मौसम को सहने के लिए अपने सैनिकों को ‘हाय-टेक’ हथियार मुहैया कराने का काम चीनने शुरू किया है। चीन के सैनिक ऑक्सिजन मास्क एवं ‘एक्सोस्केलेटन’ लगाकर पहाड़ियों पर चढ़ने का अभ्यास करने के वीडियोज्‌‍ देखे गए हैं।

फिलहाल चीन ने ‘एलएसी’ के करीब से लौट गए हैं, फिर भी चीन पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता, ऐसा इशारा सैन्य विश्लेषक दे रहे हैं। इसकी वजह से भारत भी एलएसी पर चीन के मुंहतोड़ सैन्य तैनाती करे, तथा अपने सैनिकों को भी अति प्रगत एवं हाय-टेक हथियार मुहैया कराए, ऐसा सुझाव सैन्य विश्लेषक एवं पूर्व सेना अधिकारी दे रहे हैं।

भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सेना का चेहरा बदलने के संकेत दिए थे। आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स, स्वार्म तकनीक अपनाने का इरादा भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बयान किया था। अब जल्द ही भारतीय सेना में दाखिल हो रहे अग्नीविर हाय-टेक तकनीक से प्रशिक्षित होंगे, इस पर भी इन अधिकारियों ने गौर किया था।

पिछले साल से भारतीय सेना ने देश में हथियार बना रही कंपनियों को प्रदान किए गए ऑर्डर्स ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। भारतीय सेना को २,२०० ड्रोन्स की ज़रूरत होने की खबरें प्राप्त हुई थीं। इनमें माल के यातायात के लिए ३६३ ‘लॉजिस्टिक ड्रोन्स’ जासूसी के लिए तकरीबन १,००० हेलीकॉप्टर ड्रोन्स खरीदने के लिए भारतीय सेना ने करोड़ो डॉलर्स खर्चने की तैयारी करने की जानकारी सामने आयी थी। अमरीका ने भारत को ‘एमस्यू-९ बी’ प्रिडेटर हमलावर ड्रोन देने की बात कही है।

ऐसे में भारतीय सेना ने अब ८५० नैनो ड्रोन्स खरीदने के लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोज़ल’ (आरएफपी) पेश करने की जानकारी सामने आ रही है। ‘एलएसी’ के करीब चीन की सेना की गतिविधियों की जानकारी पाने के लिए यह ‘नैनो ड्रोन्स’ काम आ सकते हैं। शत्रु को नज़र आए बिना यह ड्रोन्स बड़ा काम कर सकते है, ऐसा दावा सैन्य विश्लेषक कर रहे हैं। स्वदेशी नैनो ड्रोन्स पाने के लिए सेना प्राथमिकता दे रही है। इसी बीच सेना ने पिछले हफ्ते ‘जेट पैक सूट’ और ‘रोबोटिक मूल्स’ खरीदने के लिए निविदा निकाली थी। इन दोनों का इस्तेमाल चीन के एलएसी पर तैनात भारतीय सेना के लिए किया जाएगा, ऐसा दावा हो रहा है। जेट पैंक सूट की सहायता से गश्त एवं रोबोटिक मूल्स से सेना का सामान पहाड़ियों पर पहुंचाने में आसानी होगी। ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे चुनिंदा देशों में अब भारत का भी समावेश हो सकता है।

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