डोकलाम में भारत किसीभी परिस्थिति का सामना करने के लिए सज्ज- रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन

नई दिल्ली: डोकलाम में भारत किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। किसी भी परिस्थिति में भारत अपने सार्वभौमत्व को अबाधित रखेगा, ऐसा निर्मला सीतारामन ने कहा है। कुछ घंटों पहले चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने चीन की सीमा पर स्थिति बदलने का प्रयत्न करने से फिर से डोकलाम का विवाद होगा, ऐसा सूचित किया था। उसके एक दिन पहले, भारत के वायुसेना प्रमुख धनोआ ने पूर्व सीमा पर भारतीय वायुसेना की सज्जता एवं क्षमता चीन से अधिक होने का दावा किया था। उसके बाद रक्षामंत्री ने किया यह विधान मतलब चीन को दिया गया एक और इशारा है।

चीन के साथ कभी भी तनाव निर्माण हो सकता है, यह ध्यान में रखते हुए भारत ने अपनी तैयारी रखें। डोकलाम में किसी भी परिस्थिति का सामना करने की क्षमता भारत के पास है, ऐसा कहकर रक्षा मंत्री सीतारामन ने भारत अपने सार्वभौमत्व को अबाधित रखेगा, ऐसा सूचित किया है। उसी समय भारतीय रक्षादल के आधुनिकीकरण के लिए भारत लगातार प्रयत्न कर रहा है, ऐसा दावा सीतारामन ने किया है। उनके इस विधानों की वजह से पिछले ३ दिनों में भारत से चीन को तीसरी बार कड़ा इशारा दिया जा रहा है।

भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी.एस.धनोवा ने पूर्व सीमा रेखा पर भारतीय वायुसेना की सज्जता एवं क्षमता चीन से अधिक होने की बात कहकर इस बारे में चिंता का कोई भी कारण होने का दावा किया था। तथा आवश्यकता के अनुसार नागरी हवाई अड्डा का वायु सेना के लिए उपयोग करने की योजना को अपनी मंजूरी होने की बात वायुसेना ने स्पष्ट की थी। साथ ही पूर्व सीमा पर वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होने वाले निधि के प्रावधान की मांग केंद्र सरकार को करने की जानकारी भी वायुसेना प्रमुख ने दी थी। उसे १ दिन हो रहा था कि चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने चीन की सीमा पर स्थिति बदलने का प्रयत्न शुरू होने से डोकलाम का विवाद फिर से हो सकता है, ऐसा सूचित किया था।

भारत और चीन में भड़के हुए डोकलाम के विवाद में चीन ने मुंह की खाई थी, ऐसा स्पष्ट उल्लेख टालते हुए भारत के राजदूत ने चीन को उपस्थिति का एहसास दिलाने की बात इस निमित्त से स्पष्ट हो रही है। उसके बाद रक्षामंत्री ने डोकलाम के बारे में भारत की तैयारी का एहसास चीन को दिलाया है। इसकी वजह से चीन डोकलाम तथा भारत की सीमा से जुड़े हुए कार्यवाहियों तीव्र करने के संकेत मिलने लगे हैं। कई दिनों पहले चीन ने भारत से जुड़े हुए सीमा में तैनात होनेवाले अपने सैनिकों के सूत्र पीपल्स लिबरेशन आर्मी के हाथ दिए थे। इसका अर्थ भारत की सीमा से जुड़े हुए भाग में तैनात होने वाले चीन के लश्कर के सूत्र अब सीधे चीन के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा नियंत्रित होने वाले हैं। यह अत्यंत संवेदनशील बात होकर आने वाले समय में चीन इस क्षेत्र में आक्रामक निर्णय लेने की तैयारी करने की बात से स्पष्ट हो रही है।

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