भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – ‘डेमोग्राफी यानी जनसंख्या में युवाओं की बड़ी मात्रा, जनसंख्या की वजह से भीषण माँग और निर्णय क्षमता वाली सरकार, यह सभी बातें करीबी समय के इतिहास में पहली बार एकसाथ मौजूद हैं। इसकी वजह से चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता भी भारत ने प्राप्त की है’, यह विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया। विभिन्न कारणों से पहले के दौर में हुई औद्योगिक क्रांति में भारत के लिए पहल करना संभव नहीं हो पाया था। लेकिन, मौजूदा अर्थात चौथी औद्योगिक क्रांती के मोर्चे पर भारत विश्व का नेतृत्व करेगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

भारी उद्योग मंत्रालय ने गुजरात में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पढ़ा गया। पहले के दौर में तीन औद्योगिक क्रांतियों में भारत का योगदान नहीं रहा। पश्चिमी देश ही इसमें सबसे आगे थे और उन्हीं के ज़रिये इन औद्योगिक क्रांतियों के लाभ भारत को मिले थे। लेकिन, चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता भारत ने पाई है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इसके लिए देश के उद्योगक्षेत्र काफी अहम भूमिका निभा सकेंगे, ऐसा कहा है। खास तौर पर ‘ग्लोबल वैल्यू चेन’ यानी मूल्यवर्धन करनेवाले उत्पादनों की श्रृंखला में भारत का उद्योगक्षेत्र काफी बड़ा काम कर पाएगा, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया। इसके लिए देश के उत्पादन क्षेत्र को गति प्रदान करके ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने सुधार किए हैं और इसके लिए विशेष लाभ भी घोषित करने की ओर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

देश के भारी उद्योगमंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने भी कहा कि, भारत वैश्विक उत्पादन का केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। थ्री डी प्रिंन्टिंग, मशिन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्ज्‌‍ जैसे क्षेत्र देश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए अहम साबित होंगे, इस पर पांडे ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही ‘एडवान्स केमिस्ट्रि सेल’ (एसीसी) बैटरीज्‌‍ स्टोरेज करने के लिए केंद्र सरकार की घोषणाओं की वजह से इस क्षेत्र में आनेवाले दिनों में आयात कम होगा और भारत इसका निर्यातक बनेगा, यह विश्वास केंद्रीय भारी उद्योगमंत्री ने व्यक्त किया। तथा गुजरात और कर्नाटक में ईवी बस यानी इलेक्ट्रिक बसें शुरू की गई हैं और इन १७५ बसों में से ७५ बसें गुजरात और १०० बसे कर्नाटक में चलाई जाएंगीं। साथ ही पुणे में ‘सेंटर फॉर इंडस्ट्री ४.०’ लैब का उद्घाटन करने की जानकारी उद्योगमंत्री पांडे ने साझा की।

साल २०१९ में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण और इसका इस्तेमाल बढ़ाने के लिए ‘फास्टर एडॉप्शन ऐण्ड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक वेहिकल’ (एफएएमई) को गतिमान किया गया था। इसके अनुसार इलेक्ट्रिक के दस लाख दो पहियों के और पांच लाख तीन पहियों के और ५५ हज़ार चार पहियों के वाहनों के साथ ७ हज़ार ई-बसों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्णय हुआ था। औद्योगिक क्रांति के चौथे चरण में औद्योगिक क्षेत्र के लिए डिजिटल तकनीक का काफी बड़ा इस्तेमाल होगा। इससे दर्ज़ा, कार्यक्षमता और उत्पादकता बडे पैमाने पर बढ़ेगी, यह दावा किया जा रहा है। इस बात पर भारी उद्योगमंत्री पांड़े ने ध्यान आकर्षित किया।

भारी उद्योग मंत्रालय इसके लिए भरसक कोशिश कर रहा है और देश की चौथी औद्योगिक क्रांति की प्रगति को गति दे रहा है, ऐसा महेंद्र नाथ पांडे ने स्पष्ट किया।

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