चीन और पाकिस्तान से भारत का संघर्ष होने की संभावना – अमरिकी गुप्तचर विभाग की रपट

वॉशिंग्टन – चीन और पाकिस्तान का भारत के साथ संघर्ष होने की संभावना बढ़ने का दावा अमरिकी गुप्तचर संस्था ने किया है। अमरिकी संसद में पेश की हुई रपट में ‘नैशनल इंटेलिजेन्स’ ने चीन के ‘एलएसी’ और पाकिस्तान के ‘एलओसी’ पर तनाव कायम होने की बात दर्ज़ करके वहां पर संघर्ष शुरू होगा, ऐसी चिंता जताई है। भारत का आक्रामक नेतृत्व किसी भी तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं करने वाला है और इसी से संघर्ष की संभावना अधिक बढ़ने का दावा इस रपट में किया गया है। 

चीन और पाकिस्तानपाकिस्तान भारत में काफी बड़ा हमला करवा सकता हैं। या जम्मू और कश्मीर में हिंसक हरकते करके भी पाकिस्तान भारत को उकसा सकता हैं। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत में ऐसी हरकतें की थी। लेकिन, इस बार भारत का नेतृत्व पाकिस्तान की ऐसी हरकते बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई करके ही इसपर प्रत्युत्तर देगा, ऐसा दावा अमरीका के डायरेक्टर ऑफ नैशनल इंटेलिजेंस की सालाना रपट में किया गया है। साथ ही भारत और चीन के एलएसी की स्थिति भी संवेदनशील होने की पात पर इस रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

साल २०२० में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना की मुठभेड़ हुई। इसके बाद वहां की स्थिति काफी तनाव से भरी हैं। यह तनाव कम करने के लिए दोनों देशों की चर्चा के कई दौर हुए हैं। फिर भी भारत और चीन ने इस क्षेत्र में प्रचंड़ मात्रा में तैनाती की हैं। इस वजह से वहां संघर्ष शुरू होने की संभावना काफी है। दो परमाणु देशों का संघर्ष अमरीका के हितसंबंधों को सीधा झटका देगा, ऐसी चेतावनी इस रपट में दी गई है। इसी वजह से अमरीका दोनों देशों में मध्यस्थता की भूमिका निभाए, ऐसी सलाह इस रपट में दी गई हैं।

इसी बीच, गलवान घाटी के संघर्ष के बाद भारत और चीन के संबंध सामान्य ना होने की बात भारत ने बार बार स्पष्ट की थी। लेकिन, ऐसा होने के बावजूद दोनों देशों को अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए किसी तीसरे मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं हैं, ऐसा भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही स्पष्ट किया था। उनके इस बयान चीन को राष्ट्रीय माध्यमों ने बड़ी अहमियत दी थी। सीमा विवाद का हल निकालने के लिए आवश्यक प्रगल्भता भारत और चीन रखते हैं, ऐसा दावा चीन के सरकारी माध्यमों ने किया था।

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