ईंधन वायु क्षेत्र में भारत करेगा ६० अरब डॉलर्स का निवेष

नवी दिल्ली – वर्ष २०३० तक भारत ईंधन गैस क्षेत्र में करीबन ६० अरब डॉलर्स का निवेश करेगा| केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इन्होंने यह घोषणा की| ईंधन गैस से जुडी सविधा और अन्य क्षेत्र में यह निवेष होगा, ऐसा केंद्रीय मंत्री ने कहा| शहरों को लिओ हो रहे ईंधन नेटवर्क से देश की ७० प्रतिशत जनता जुड जाएगी, यह दावा भी उन्होंने किया| नई दिल्ली में आयोजित ‘इंटरनैशनल थिंक टैंक’ (आईटीटी) परीषद में धर्मेंद्र प्रधान बोल रहे थे|

भारत ईंधन गैस पर निर्भर अर्थव्यवस्था विकसित करने की कोशिश कर रहा है| इसके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं का विकास करने के लिए सरकार प्राथमिकता दे रही है| इसका कारण ईंधन गैस के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन की मात्रा कम होती है| इसीलिए पर्यावरण के नजरिए से सुरक्षित ईंधन का इस्तेमाल करने के लिए भारत प्रोत्साहित कर रहा है| इसी के लिए भारत अपने उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्‍चिम तक का क्षेत्र ईंधन गैस नेटवर्क से जोडने ती तैयारी में है, ऐसा धर्मेंद्र प्रधान ने कहा|

भारत अभी भी बडी तादाद में कच्चे ईंधन की खरीद कर रह है| पर इस आयात पर बनी निर्भरता कम करने के लिए भविष्य में भारत तेजीसे कदम बढा रहा है| अगले दौर में ईंधन कैस का इस्तेमाल करने के लिए सका २०३० तक इस क्षेत्र में ६० अरब डॉलर्स का बडा निवेष करेगा, यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्री ने दी| साथ ही जागतिक ईंधन क्षेत्र के सामने खडी हुई चुनौतियों का जिक्र भी इस दौरान पेट्रोलियम मंत्रालय ने समय समय पर किया था| ईंधन की निर्यात कर रहे खाडी देशों को अस्थिरता से त्रास हो रहा है| ईंधन की निर्यात कर रहे खाडी क्षेत्र के देशों को अस्थिरता ने पीडा दी है| बडी तादाद में ईंधन की यातायात होनेवाले होर्मुझ खाडी क्षेत्र की स्थिति खराब हो रही है| वेनेजुएला इस ईंधन उत्पादक देश में अराजकता निर्माण हुई है, इसका दाखिला इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने दिया| साथ ही अमरिका और चीन के बीच शुरू व्यापारयुद्ध का असर भी ईंधन की मांग और प्रदान पर हो रहा है, ऐसा पेट्रोलियम मंत्री ने स्पष्ट किया|

ईरान पर अमरिका ने प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने अमरिका, नाइजेरिया और रशिया इन देशों से क्रुड की आयात बढाई है| इस वजह से भारत की ‘ईंधन सप्लाई’ की जरूरतें पूरी होगी, ऐसा प्रधान ने कहा है| पर, अगले दिनों में अपनी सुरक्षा दे लिए अधिक नियोजन करने की जरूरत रहेगी, यह संकेत धर्मेंद्र प्रधान ने दिए है| और साथ ही इसका एहसास सरकार रखती है, यह भी उन्होंने कहा| इसके लिए सरकार ईंधन वायु क्षेत्र में बडी मात्रा में निवेष करती दिख रही है|

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