‘जी ७’ ने रशियन ईंधन पर लगाई ‘प्राईस कैप’ से भारत का लेना-देना नहीं – पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी

नई दिल्ली – ‘जी ७’ गुट के सदस्य देश अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान ने रशिया द्वारा निर्यात किए जाने वाले ईंधन पर ‘प्राईस कैप’ अर्थात इसकी कीमत पर मर्यादा लगाई है। इसके अनुसार खरीदार देश रशिया से अधिकतम ६० डॉलर्स प्रतिबैरल दर से ही ईंधन खरीद पाएंगे। लेकिन, इस निर्णय का भारत पर असर नहीं पडेगा, ऐसा भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया। साथ ही इराक, सौदी अरब, यूएई सभी भारत को सबसे अधिक मात्रा में ईंधन निर्यात करते हैं और इन देशों की तुलना में भारत रशियन ईंधन काफी कम मात्रा में खरीदता है, ऐसा हरदीप सिंह पुरी ने कहा है।

सन २०२२ में भारत ने आयात किए  ५३ प्रतिशत ईंधन की आपूर्ति इराक, सौदी अरब और यूएई ने की थी। इसके अलावा वर्तमान आर्थिक वर्ष में इन तीन देशों ने भारत की ५२ प्रतिशत ईंधन की मांग पूरी की है। इस वजह से यूक्रेन युद्ध के बाद भी भारत की ईंधन खरीदने की नीति में अधिक बदलाव नहीं हुए हैं, इस पर पेट्रोलियम मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, ईरान और रशिया जैसे दो बड़े ईंधन उत्पादक देशों पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से ईंधन बाज़ार पर बुरा असर पडा है, इसका अहसास भी पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कराया।

ईंधन की भारी मांग करने वाला चीन जैसा बड़ा देश फिलहाल लॉकडाऊन में है। इसकी वजह से ईंधन उत्पादक देशों ने उत्पादन कम करने का निर्णय लिया है। अमरीका, सौदी अरब और रशिया द्वारा हो रही ईंधन की आपूर्ति में बाधाएँ आती हैं तो ईंधन की कीमतें प्रति बैरल २०० डॉसर्ल तक उछलेंगीं, यह ड़र पुरी ने व्यक्त किया। इसकी वजह से ईंधन की आपूर्ति को स्थिर रखने की जरुरत है, ऐसा कहकर भारतीय पेट्रोलयम मंत्री ने रशिया से ईंधन खरीदने के भारत के निर्णय का समर्थन किया।

सिर्फ ईंधन ही नहीं, बल्कि अनाज और खाद की किल्लत का भी विश्व को सामना करना पड़ रहा है, यह इशारा भी पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने दिया है।

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