सीमा विवाद का हल चर्चा के माध्यम से निकालने के लिए भारत-चीन सहमत

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन/बीजिंग – लद्दाख के एलएसी से तनाव घटाने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सेना अधिकारियों की चर्चा का १८ वां दौर हाल ही में हुआ। दोनों देशों को मंजूर हो तो इसका हल निकालकर यहां का तनाव घटाने हेतु चर्चा करने के लिए दोनों देश सहमत हुए हैं। इसकी वजह से पहले आयोजित चर्चा से १८ वें दौर की यह चर्चा ज्यादा अलग न होने की बात सामने आ रही है। एससीओ की बैठक के लिए चीन के रक्षा मंत्री जल्द ही भारत दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच तनाव न बढ़े, इसके लिए भारत और चीन ध्यान रख रहे हैं, यह इस चर्चा से दिखाई दिया है। इस चर्चा की खबरें प्राप्त होने के साथ ही चीन से हमें सबसे ज्यादा खतरा होने का पूरा अहसास भारत को है, ऐसा अमरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है।

२७ अप्रैल को चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू भारत आ रहे हैं। वर्ष २०२० में लद्दाख के गलवान में भारत और चीन की सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद चीन के रक्षा मंत्री पहली बार भारत आ रहे हैं और इसकी वजह से उनके इस दौरे पर दुनियाभर के माध्यमों की नज़रें लगी हुई हैं। इस दौरे से पहले लद्दाख के एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सेना अधिकारियों की चर्चा का १८ वां दौर हुआ। इससे ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा, फिर भी यह विवाद अधिक न बढे, इसके लिए भारत और चीन पहल करते दिख रहे हैं। एससीओ के सफल आयोजन के लिए दोनों देशों ने यह सावधानता का रवैया अपनाया हुआ दिख रहा है।

इसी बीच, चर्चा की खबरें सामने आने के साथ ही अमरीका के ‘स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी के ‘हूवर इन्स्टीट्यूट’ द्वारा आयोजित व्याख्यान में बोलते समय अमरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने चीन को लक्ष्य किया। पाकिस्तान नहीं बल्कि, चीन से हमें सबसे बड़ा खतरा होने का पूरा अहसास भारत को है, ऐसा कांग्रेस के खन्ना ने इस दौरान कहा। साथ ही चीन की आक्रामकता का सामना करते समय अमरीका को चार मुद्दों पर जोर देना पडेगा, यह खन्ना ने अपने व्याख्यान में सूचित किया।

इसमें अमरीका-चीन व्यापार में संतुलन बनाए रखना, चीन से बातचीत जारी रखना, चीन को प्रत्युत्तर देन के लिए सैन्य सामर्थ्य बढ़ाना और अमरीका के एशिया स्थित भागीदार देशों का सम्मान करने के लिए चीन को मज़बूर करना, इन चार मुद्दों का समावेश है। साथ ही अमरीका को चीन से होने वाले खतरे से बचने के लिए भारत के साथ अपना सहयोग अधिक व्यापक करना पडेगा और भारत को सैन्य सहायता प्रदान करनी पडेगी, यह सलाह भी रो खन्ना ने दी।

इसी बीच चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने भारत को अमरीका से सावधान रहने की सलाह दी है। अमरीका के ढ़कोसलों का भारत शिकार न बने क्योंकि, अमरीका को भारत और चीन में संघर्ष करवाना है। इसी दिशा में अमरीका के नेता, अध्ययन मंडल काम कर रहे हैं। अमरीका की गुप्तचर संगठना भी इसी कोशिश में लगी हुई है, ऐसा दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया। इसी वजह से सीमा विवाद में अमरीका भारत का पक्ष ले रही है, लेकिन बाद में इससे भारत का नुकसान हो सकता है, ऐसा दावा चीन के सरकारी मुखपत्र ने किया है। एक-दूसरे के खिलाफ होने से तो भारत और चीन राजनीतिक बातचीत के माध्यम से अपने विवाद खत्म करें और अमरीका की साज़िश नाकाम करें, ऐसा आवाहन ग्लोबल टाईम्स ने किया है।

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