भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय सहयोग व्यापक करने का निर्धार

नई दिल्ली – ‘भारत और ऑस्ट्रेलिया एक-दूसरे के घने मित्र हैं। क्रिकेट स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे से यकीनन टकराते हैं। लेकिन, वास्तव में दोनों देश साथ मिलाकर ज्यादा बेहतर विश्व बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने किया। प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय चर्चा होने के बाद संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भारत की अहमियत रेखांकित की।

द्विपक्षीय सहयोगचार दिनों के भारत यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री अल्बानीज ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय चर्चा की। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन’ समझौते पर बातचीत हुई। दोनों देशों ने पहले ही मुक्त व्यापारी समझौता किया है। लेकिन, ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन’ समझौते की वजह से भारत और ऑस्ट्रेलिया का व्यापार काफी मात्रा में बढ़ेगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस साल के अन्त तक इशसे संबंधित समझौता होगा, यह विश्वास प्रधानमंत्री अल्बानीज ने व्यक्त किया है।

साथ ही भारत के साथ रक्षा संबंधित भागीदारी अधिक व्यापक करने के लिए ऑस्ट्रेलिया उत्सुक है, ऐसा प्रधानमंत्री अल्बानीज ने संयुक्त पत्रकार परिषद में स्पष्ट किया। साथ ही सौर ऊर्जा एवं हाइड्रोजन क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया की तैयारी हैं। इन दोनों क्षेत्रों के लिए काफी प्रगत और जटिल तकनीक विकसित करनी होगी। इस वजह से संबंधित क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया का सहयोग ज़रूरी हैं। इस क्षेत्र के लिए आवश्यक खनिजों का भंड़ार ऑस्ट्रेलिया में हैं, इस बात पर भी प्रधानमंत्री अल्बानीज ने ध्यान आकर्षित किया।

 इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की जारी हरकतें चिंताजनक स्तर पर पहुंची हैं। इसके विरोध में भारत और ऑस्ट्रेलिया एक-दूसरे से सहयोग कर रहे हैं, ऐसे संकेत प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान दिए। प्रधानमंत्री अल्बानीज के साथ हुई चर्चा में समुद्री सुरक्षा और रक्षा संबंधित सहयोग का मुद्दा था, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा क्षेत्र के कुछ अहम समझौते किए हैं, इसकी याद प्रधानमंत्री मोदी ने ताज़ा की। इनमें ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ समझौते के साथ रक्षा संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान करने के सहयोग का भी समावेश है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। आनेवाले दिनों में इस सहयोग का दायरा अधिक बढ़ेगा, ऐसा दावा भारत के प्रधानमंत्री ने किया।

इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के सहयोग की अहमियत रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में कुछ गूट भारतीय नागरिकों के प्रार्थनास्थलों पर कर रहे हमलों का मुद्दा भी उठाया। प्रधानमंत्री अल्बानीज से हमने इस विषय पर चर्चा की और इन हमलों पर गंभीर चिंता जताई हैं, यह जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिक द्विपक्षीय सहयोग में रक्षा सहयोग को असाधारण स्थान होने का बयान प्रधानमंत्री मोदी ने इस संयुक्त वार्ता परिषद में किया। साथ ही किसी भी चुनौतियों का मुकाबला करने वाली मज़बूत सप्लाइ चेन विकसित करने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया प्रतिबद्ध है, ऐसा दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट किया।

ऐसे में सीधे ज़िक्र किए बिना इंडो-पैसिफिक और सप्लाइ चेन के विकल्प का ज़िक्र करके चीन के वर्चस्व को चुनौती देने की तैयारी भारत और ऑस्ट्रेलिया कर रहे हैं, यही प्रधानमंत्री अल्बानीज की इस भारत यात्रा में स्पष्ट हुआ है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के अहम व्यापारी भागीदार देश चीन के ताल्लुकात खराब होने के बाद ऑस्ट्रेलिया चीन के विकल्प के तौर पर भारत को देख रहा हैं। इसके अलावा अन्य देश भी चीन के विकल्प के तौर पर भारत को देखे, ऐसा आवाहन ऑस्ट्रेलिया के नेता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहे हैं।

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