‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हुए हमले मेें इम्रान खान बच गए

इस्लामाबाद – अपनी माँगों के लिए लॉन्ग मार्च निकालकर राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहें पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान कान पर गुरूवार को गोलीबारी हुई। इस हमले से इम्रान खान बच निकले हैं, लेकिन उनके पैर को गोली लगने की बात कही गई है। लेकिन, इम्रान खान की जान को खतरा ना होने का खुलासा पाकिस्तानी माध्यमों ने किया हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं ने इस हमले का निषेध किया है। इस बीच इम्रान खान के समर्थक इसका प्रतिशोध लेने की धमकी दे रहे हैं। इसकी गूंज पाकिस्तान में सुनाई दे रही हैं और कुछ शहरों में प्रदर्शन शुरू हुए हैं। इससे पाकिस्तान में अराजकता फैलने की कड़ी संभावना जताई जा रही है।

इम्रान खान का लॉन्ग मार्च पंजाब के वझिराबाद शहर के अल्लाहवाला चौक के करीब था, तभी उनके कंटेनर पर नावेद नामक युवक ने गोलीबारी की। इम्रान खान के पैर को गोली लगी हैं और वह घायल होने के वीडियोज्‌‍ प्रसिद्ध हुए हैं। इम्रान खान के समर्थकों ने नावेद को वहीं के वही रोक दिया और इससे अनहोनी टली। इम्रान खान को तुरंत अस्पताल में दाखिल किया गया और उनका इलाज़ शुरू हुआ। वह सुरक्षित हैं और जल्द ही उनकी शस्त्रक्रिया होगी, यह जानकारी पाकिस्तानी माध्यम दे रहे हैं। इस हमले के एक की मौत हुई हैं और पूर्व सांसद और इम्रान खान के सहयोगी फैसल जावेद घायल हुए हैं।

इम्रान खान पर यह हमला उन्हें ड़राने के लिए या चेतावनी देने के लिए नहीं किया गया था। बल्कि उन्हे खत्म करने की साज़िश इस हमले के पीछे होने का आरोप इम्रान खान की ‘पाकिस्तान तेहरिक ए इन्साफ’ (पीटीआई) पार्टी के नेता लगा रहे हैं। इसके अलावा कुछ नेताओं ने इस हमले का प्रतिशोध लेने की बयानबाज़ी की। साथ ही इसके पीछे पाकिस्तान की सरकार का हाथ होने का आरोप भी कुछ लोगों ने किया हैं।

इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इम्रान खान पर हुए हमले का निषेध किया और इस घाव से वह जल्द ठिक हो, ऐसी सदिच्छा भी व्यक्त की। पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने इस हमले के लिए पाकिस्तान की सरकार पर आरोप लगा रहें पीटीआई के नेताओ को ज़िम्मेदारी से बयान करने की सलाह दी हैं। लेकिन, इम्रान कान पर हुआ हमला रेड़ लाईन का उल्लंघन हैं, ऐसा कहकर उनके समर्थक सड़कों पर उतरकर सरकार को सबक सिखाने की तैयारी जुटा रहे हैं। इम्रान खान ने पाकिस्तान की जनता के लिए अपने शरीर पर गोलियां स्वीकारी, फिर भी पाकिस्तान की जनता सड़क पर उतरकर इसका जवाब नहीं देती हैं तो फिर जनता हमेशा से घुलाम बनकर ही रहेगी, ऐसा उकसावा खान के समर्थक दे रहे हैं। साथ ही खान को खत्म करने के लिए सरकार और पाकिस्तानी सेना ने साज़िश करने का आरोप लगाया जा रहा हैं और ऐसें में इम्रान खान पर गोली चलानेवाले नावेद ने अलग ही जानकारी बयान की है।

हमारे पीछे अन्य कोई नहीं हैं। इम्रान खान जनता को गुमराह कर रहे हैं और इसी कारण हमने उनपर हमला किया, ऐसा नावेद ने कहा। फिर भी इम्रान खान की पार्टी के नेता यह स्वीकारने के लिए तैयार नहीं। बल्कि इम्रान खान ने स्वयं ही यह ‘खून मार्च’होगा, ऐसा दावा किया था, इसकी याद पाकिस्तान के पत्रकार करा रहे हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूटने की कगार पर होते हुए इम्रान खान ने यह लॉन्ग मार्च निकालना नहीं चाहिए था। क्यों कि, भारत, इस्रायल और अमरीका यह पाकिस्तान के शत्रु ऐसें ही अवसर की प्रतिक्षा में थे, ऐसा कहकर इस हमले के पीछ विदेशी हाथ होने की संभावना भी कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने व्यक्त की हैं। इसी बीच इम्रान खान पर हुए इस हमले के बाद पाकिस्तान में शुरू गतिविधियों पर भारत नज़र बनाएँ होने का बयान भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया है।

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