दुनियाभर के २२ देशों में भुखमरी का संकट खतरनाक स्तर पर – संयुक्त राष्ट्र संघ की शीर्ष संगठन की चेतावनी

रोम – दुनियाभर के २२ देशों को अगले छह महीनों में अनाज की किल्लत और भुखमरी के खतरनाक संकट का मुकाबला करना होगा, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संगठन के शीर्ष संगठन ने दी है। इन देशों में अफ्रीका और एशियाई देशों के साथ कैरेबियन क्षेत्र के हैती का समावेश हैं। अनाज़ की किल्लत और भुखमरी के संकट के साए में होने वाले इन देशों का ज़िक्र ‘हाइ अलर्ट हॉटस्पॉट’ किया गया है और कुछ देश पहले से ही सूखे के साथ अन्य समस्याओं का मुकाबला कर रहे हैं। 

भुखमरी का संकटसंयुक्त राष्ट्र संगठन के ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ और ‘फूड ॲण्ड एग्रिकल्चर ऑर्गनाइजेशन’ ने ‘हंगर हॉटस्पॉटस्‌’ नामक रपट सोमवार को पेश की इस रपट में यह चेतावनी दी गई है कि, विश्व के २२ देशों को अनाज़ की किल्लत और भुखमरी के संकट का सामना करना होगा। यदि उचित समय पर सहायता प्राप्त नहीं हुई तो इन देशों में काफी संख्या में लोगों के हताहत होने का ड़र भी जताया गया है। 

अफ्रीका के सूड़ान, माली और बुर्किना फासो और कैरेबियन क्षेत्र के हैती इन देशों में अनाज़ की किल्लत और भुखमरी की समस्या धीरे धीरे तीव्र हो रही हैं, इसका अहसास ‘हंगर हॉटस्पॉटस्‌’ रपट में कराया गया है। माली और बुर्किना फासो एवं कैरेबियन क्षेत्र के हैती में लोगों की एवं सामान की यातायात करने में काफी बड़ी बाधाएं होने से सहायता नहीं पहुंच सकती। इस वजह से भुखमरी का संकट तीव्र हुआ है। वहीं, सूड़ान में अभी गृहयुद्ध शुरू होने से मानवीय सहायता सुरक्षित ढ़ंग से पहुंचना नामुमकिन होने की ओर भी इस रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है। 

अफ्रीकी महाद्वीप के नाइजीरिया, दक्षिण सूड़ान, सोमालिया, येमन और एशिया के अफ़गानिस्तान में अनाज़ की किल्लत को लेकर पहले से ही‘हाइ अलर्ट’ जारी किया गया है। पाकिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, इथियोपिया, केनिया, डीआर कांगो और सीरिया यह देश ‘हाइ कन्सर्न हॉटस्पॉटस्‌’ में शामिल होने की बात ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ और ‘फूड ॲण्ड एग्रिकल्चर ऑर्गनाइजेशन’ ने कहा है। म्यांमार की स्थिति भी हर दिन अधिक खराब हो रही हैं और हॉटस्पॉट कहे जा रहे सभी देशों मेंसभी देशों में बड़ी संख्या में लोग भूखमरी के शिकार होने का ड़र व्यक्त किया जा रहा है।

अफ्रीका और एशियाई देशों में उभरी अनाज़ की किल्लत के लिए रशिया-यूक्रेन युद्ध अहम मुद्दा बना है। लेकिन, युद्ध के साथ ही मौसम के बदलाव के साथ ही कोरोना की महामारी और महंगाई का उछाल भी इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार होने की चेतावनी इस रपट में दी गई है। रशिया और यूक्रेन यह देश ‘ब्रेड बास्केट’ के तौर पर जाने जाते हैं। गेहूं, मक्का, बार्ली, सूर्यफूल के उत्पाद में प्रमुख यह देश एशिया, अफ्रीका और यूरप के कई देशों को अनाज़ की आपूर्ति कर रहे थे। लेकिन, पिछले वर्ष फ़रवरी महीने में शुरू हुए रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद अनाज़ की आपूर्ति में बड़ी बाधाएं निर्माण हुई। इससे अफ्रीका एवं एशियाई देशों की स्थिति अधिक ही बिगड़नी शुरू हुई थी।

पिछले कुछ महीनों से अफ्रीकी देशों में उभरे राजनीतिक अस्थिरता, सूखे और गृहयुद्ध के कारण स्थिति अधिक बिगड़ रही हैं और भूखमरी के कारण लाखों लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संगठन के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ बार बार आगाह कर रहे हैं।

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