सौदी के ईंधन परियोजनाओं पर हुती के ड्रोन और मिसाइल हमलें – सौदी एवं अरब मित्रदेशों की हुती पर हवाई कार्रवाई शुरू

रियाध/सना – सौदी अरब की राजधानी रियाध के साथ कुल छह शहरों को हुती विद्रोहियों ने लक्ष्य किया| सौदी की अराम्को कंपनी के ईंधन परियोजनाओं पर ड्रोन और मिसाइल हमलें करने की जानकारी हुती ने साझा की| इनमें से जेद्दा में स्थित परियोजना के ईंधन भंड़ार मे बड़ी आग भड़की| हुती के यह हमलें विश्‍व की ईंधन सुरक्षा को खतरा निर्माण करने वाले एवं अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करनेवाले  हैं, ऐसी तीखीं आलोचना अरब देशों के सैन्य गठबंधन ने की हैं| इसके बाद अरब देशों ने हुती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमलें करके जवाब दिया|

पिछले छह दिनों में हुती विद्रोहियों ने सौदी की अराम्को कंपनी के ईंधन प्रकल्प पर किया यह दूसरा हमला हैं| रविवार को हुती विद्रोहियों ने सौदी के रेड़ सी के करीबी ईंधन परियोजना एवं तेल शुद्धीकरण परियोजना को लक्ष्य किया था| इन हमलों के दौरान अराम्को कंपनी को खास नुकसान नहीं पहुँचा था| लेकिन, हुती विद्रोहियों के बढ़ते हमलें ईंधन उत्पादन पर असर करनेवाले हैं, यह इशारा सौदी ने दिया था| अमरीका और मित्रदेशों ने हुती के इन हमलों को जल्द रोका नहीं तो ईंधन की निर्यात पर असर हो सकता हैं, यह इशारा भी सौदी ने दिया था|

बायडेन प्रशासन ने हुती के इन हमलों को अनदेखा दिया| इसके बाद शुक्रवार को इस ईरान से जुड़ी विद्रोही संगठन ने सौदी के अन्य शहरों पर भी ड्रोन एवं मिसाइल हमलें किए| राजधानी रियाध के साथ सौदी के जेद्दा, जिज़ान, नज़रान, रास तनूरा और राबिघ शहरों में अराम्को की ईंधन परियोजनाओं को हुती ने लक्ष्य किया| सौदी अरब के मित्रदेश यूएई, इजिप्ट, बहरीन ने हुती के इन हमलों की जोरदार आलोचना की| इसी बीच अरब देशों के सैन्य गठबंधन ने पश्‍चिमी देशों को इशारा भी दिया|

‘ईंधन परियोजनाओं पर हमलें करके हुती विद्रोही ईंधन सुरक्षा को खतरा निर्माण कर रहे हैं और इसके ज़रिये वैश्‍विक अर्थव्यवस्था की रीड़ को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं’, यह इशारा अरब देशों के सैन्य गुट के प्रवक्ता ब्रिगेडिअर जनरल तुर्की अल-मलिकी ने दिया| इसके बाद अरब देशों की सेना ने येमन में हुती ठिकानों पर जोरदार हवाई हमलें किए| इस दौरान हुती के बड़े ठिकाने को नष्ट करने का दावा किया जा रहा हैं| तभी अमरीका, ब्रिटेन ने सौदी पर हुए इन हमलों के लिए हुती विद्रोहियों की आलोचना की|

इसी बीच, रशिया-यूक्रैन युद्ध की वजह से मुश्किलों से घिरे यूरोपिय देशों के लिए सौदी अरब ईंधन उत्पादन बढ़ाएं, इसके लिए बायडेन प्रशासन सौदी पर दबाव बढ़ा रहा हैं| लेकिन, सौदी ने अमरीका की यह मॉंग स्वीकारी नहीं| इसके बाद सौदी पर हो रहें हुती विद्रोहियों के ड्रोन और मिसाइल हमलों की तीव्रता बढ़ी हैं, यह बात ध्यान आकर्षित कर रही है|

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