आतंकियों को ‘फंडिंग’ करने में ‘ई-टिकट’ का रैकेट चला रहे गुट हा हाथ होने की आशंका

नई दिल्ली – रेल कीटिकटसेवा में देखी गई तकनीकी कमियों का लाभ उठाकर स्पेशल सॉफ्टवेअर के जरिए टिकटों का अवैध कारोबार करनेवाले एक बडे गिरोह का रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पर्दाफाश किया है| इस गिरोह के तार पाकिस्तान और बांगलादेश तक पहुंचने की बात स्पष्ट हुई है और इस गिरोह का मास्टरमाईंट फिलहाल दुबई में होने की आशंका जताई जा रही है| पिछले कुछ दिनों से यह गिरोह सुरक्षा यंत्रणा के राडार पर था| अबतक इस गिरोह से संबंधित २७ लोगों की गिरफ्तारी होने की जानकारी भी सामने आयी है| हवाला के जरिए आतंकियों कोफंडिंगकरने में भी इस गिरोह का हाथ होने की संभावनाआरपीएफके अफसरों ने जताई है|

आरपीएफ के महासंचालक अरूण कुमार ने बडी मात्रा में जारी हुए अवैध टिकटोंके मामले का पर्दाफाश किया है| ‘टिकटजारी करने में यह रैकेट कार्यरत होने की आशंका एक वर्ष पहले ही सामने आयी थी| इन पर नजर भी रखी जा रही थी| पिछले कुछ दिनों से इस मामले में गिरफ्तारी शुरू हुई है और अबतक इस मामले से जुडे २७ लोगों को पकडा गया है| दस दिन पहले भुवनेश्वर से गुलाम मुस्तफा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया| मुस्तफा इस गिरोह का एक अहम किरदार होने की जानकारी प्राप्त हुई है| इसके पास आरआयसीटीसी के ५६३ आयडी एवं एसबीआय समेत अन्य कुछ ग्रामीण बैंकों के हजार खाते होने की बात स्पष्ट हुई है|

मात्र एसबीआय में मुस्तफा के ,४०० खाता है और अन्य बैंकों में कुल ६०० खाता है| इन्हीं खातों का इस्तेमाल करके यह गिरोह टिकटका अवैध व्यापार कर रहे थे| मुस्तफाने मदरशा से शिक्षा प्राप्त की है पर उसने सॉफ्टवेअर डेव्हलपमेंट का कोर्स किया था, यह जानकारी आरपीएफ के एक अफसर ने साझा की| मुस्तफा व्हर्च्युअल नंबर के जरिए पाकिस्तान, बांगलादेश, इंडोनेशिया, नेपाल और खाडी देश में कुछ लोगों से संपर्क स्थापित करके रह रहा था| पुलिस ने बरामद किए उसके लैपटॉप में पाकिस्तान की कुछ धार्मिक संगठनों के साथ उसके संबंध होने की बात भी स्पष्ट हुई है

करीबन २० हजार एजंट इसके अवैध सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल टिकट पाने के लिए कर रहे थे, यह बात स्पष्ट हुई है| इस अवैधटिकटके कारोबार से हर महीना इस गिरोह का मास्टरमाईंट १० से १५ करोड रुपये प्राप्त कर रहा था| इस गिरोह का मास्टरमाईंड हमीद अश्रफ होने की बात कही जा रही है| अश्रफ उत्तर प्रदेश का रहनेवाला सॉफ्टवेअर इंजिनिअर है| अश्रफ का नाम वर्ष २०१९ में गोंडा स्कूल के बम धमाके की जांच में भी सामने आया था| आरपीएफ के महासंचालक अरुण कुमार ने यह जानकारी साझा की थी| इसी बीच यह गिरोह हवाला के जरिए पैसे भेजने के लिए क्रिप्टोकरन्सी का इस्तेमाल करता रहेगा, यह आशंका भी अरुण कुमार ने व्यक्त की है|

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