जर्मनी के चान्सलर शोल्ज़ भारत दौरे पर

नई दिल्ली – ‘जर्मनी को भारत के साथ सहयोग अधिक मजबूत करना है। भारत और यूरोपिय महासंघ का मुक्त व्यापारी समझौता जल्द से जल्द हो, इसके लिए हम स्वयं पहल करेंगे’, ऐसा ऐलान जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्ज़ ने किया। भारत के दौरे पर आए हुए चान्सलर शोल्ज़ ने प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय चर्चा करने के बाद संयुक्त वार्तापरिषद को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत-जर्मनी सहयोग की अहमियत रेखांकित की।

यूक्रेन युद्ध को एक वर्ष पूरा होने के बाद जर्मनी के चान्सलर ने भारत का दौरा करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। चान्सलर शोल्ज़ के इस दौरे में यूक्रेन युद्ध पर भारत के साथ अहम र्चा होने की उम्मीद होने का दावा जर्मनी के माध्यमों ने किया। यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत काफी बड़ा योगदान दे सकता है, ऐसा बयान अमरीका और फ्रान्स ने किया था। जर्मनी भी यही कोशिश कर रहा है, ऐसे संकेत चान्सलर शोल्ज़ के दौरे से मिल रहे हैं। संयुक्त वार्तापरिषद में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने यह गवाही दी कि, यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत हर तरह की कोशिश करेगा।

इसी बीच यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी बड़ी चुनौतियां निर्माण होने की स्थिति में यूरोप के अन्य प्रमुख देशों के साथ ही जर्मनी ने भी भारत से सहयोग बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हैं। विशेष कर भारतीय नौसेना को छह पनडुब्बियों की आपूर्ति करने के लिए जर्मनी उत्सूक है और तकरीबन पांच अरब डॉलर्स से अधिक मूल्य का यह ठेका पाने की कोशिश में जर्मनी दिख रहा है। चान्सलर शोल्ज़ इसके लिए भारत के सामने प्रस्ताव रखेंगे, ऐसी चर्चा उनका यह दौरा शुरू होने से पहले हो रही थी।

भारत के साथ व्यापार, रक्षा, आयटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए जर्मनी विशेष कोशिश करेगा, ऐसी गवाही शोल्ज़ ने इस दौरान दी। इसके साथ ही भारत और यूरोपिय महासंघ के बीच मुक्त व्यापारी समझौता जल्द से जल्द हो, इसके लिए हम स्वयं पहल करेंगे, ऐसा चान्सलर शोल्ज़ ने कहा। यूरोपिय महासंघ से निकला हुआ ब्रिटेन भारत से मुक्त व्यापारी समझौता करने के लिए चर्चा कर रहा है। जल्द ही यह समझौता होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूरोप की पहले स्थान की अर्थव्यवस्था वाली जर्मनी ने महासंघ और भारत के बीच व्यापारी समझौते के लिए पहल करना अहमियत रखता है।

भारत और जर्मनी का सालाना द्विपक्षीय व्यापार २४ अरब डॉलर्स से अधिक है। जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार देश है। साथ ही भारत में निवेश करने वाले देशों में जर्मनी का भी समावेश है। फिलहाल १,८०० जर्मन कंपनियां भारत में स्थित हैं। इसका दाखिला देते हुए भारत की गुणवत्ता और कुशल वर्कफोर्स का लाभ जर्मनी को उठाना है, ऐसा चान्सलर शोल्ज़ ने कहा। इसके अलावा आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ जंग में भारत और जर्मनी एकदूसरे से सहयोग कर रहे हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा।

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