रक्षा क्षेत्र से संबंधित उद्योग क्षेत्र की नींव डालने के लिए भारत से भागीदारी हेतु फ्रान्स उत्सुक – भारत में फ्रान्स के राजदूत इमैन्युएल लेनाईन का बयान

पणजी – भारतीय रक्षाबलों को सबसे बेहतर तकनीक किसी भी बाधा के बिना प्रदान करने के लिए फ्रान्स प्रतिबद्ध है। फ्रान्स सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ को सहायता नहीं देगा बल्कि, रक्षा सामान और हथियार भारत के साथ संयुक्त विकसित करने के लिए और इनके उत्पादन के लिए भी फ्रान्स उत्सुक है। सुरक्षा से जुड़े उद्योग के लिए ज़रूरी औद्योगिक पृष्ठभूमि भारत में विकसित करने के लिए फ्रान्स भारत की सहायता कर पाएगा, ऐसा फ्रान्स के राजदूत इमैन्युएल लेनाईन ने कहा है।

गोवा में भारत और फ्रान्स की नौसेनाओं के ‘वरुण’ युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया। इसमें फ्रान्स की विमानवाहक युद्धपोत ‘चार्ल्स दी गॉल’ शामिल हुई थी। इस युद्धपोत पर माध्यमों से बातचीत करते हुए फ्रान्स के राजदूत ने अपने देश की भारत से संबंधित भूमिका रखी। आत्मनिर्भर भारत की कल्पना फ्रान्स अच्छी तरह से समझ सकता है क्योंकि, भारत की तरह ही अपनी स्वतंत्रता को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देने वाला फ्रान्स आज भारत जिस स्थिति से गुजर रहा है उससे गुजर चुका है। इसकी वजह से भारत को रक्षा संबंधित उद्योग की नींव डालने के लिए भागीदारी के तौर पर सहायता करने के लिए फ्रान्स उत्सुक है, यह दावा फ्रेंच राजदूत ने किया।

भारत अपने रक्षा क्षेत्र से जुड़ी सप्लाई चेन में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए फ्रान्स एक बेहतर विकल्प साबित होगा।

भारत और फ्रान्स के द्विपक्षीय संबंध मज़बूत हैं और दोनों अपनी संप्रभुता को सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं। दोनों को जोड़नेवाली यह अहम कडी है। साथ ही दोनों का एक-दूसरे पर बहुत विश्वास है। इसकी वजह से भारत के साथ रक्षा सामान और हथियारों का संयुक्त निर्माण करके इनका संयुक्त उत्पादन करने के लिए फ्रान्स रुचि दिखा रहा है, ऐसा राजदूत इमैन्युएल लेनाईन ने स्पष्ट किया।

इसी बीच, भारत ने फ्रान्स से राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं और आगे फ्रान्स को इन विमानों का नया ठेका देने की तैयारी भी भारत ने कर ली है। साथ ही अपनी नौसेना के लिए स्कॉर्पिअन वर्ग की पनडुब्बियों के लिए भारत ने फ्रान्स से सहयोग प्राप्त किया था। इसी बीच दूसरी ओर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अपने हितों की सुरक्षा के लिए भारत ही सबसे अहम देश है, यह दावा फ्रान्स ने किया था। हिंद महासागर क्षेत्र के अपने द्विपों की और इन द्विपों पर बसे फ्रेंच नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत के साथ रक्षा संबंधी भागीदारी विकसित करने के लिए फ्रान्स पहल कर रहा है। चीन से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए खतरों के खिलाफ फ्रान्स ने कड़ी भूमिका अपनाई थी। साथ ही इस क्षेत्र में पूरी सुरक्षा प्रदान करनेवाले देश के तौर पर हम भारत को देख रहे हैं, ऐसा फ्रान्स के नेता और राजनीतिक अधिकारी लगातार कह रहे हैं। फ्रान्स के राजदूत इमैन्युएल लेनाईन का यह बयान इस मुद्दे को फिर से रेखांकित कर रहा है।

English मराठी 

Leave a Reply

Your email address will not be published.