हाँगकाँग के चार छात्र नेताओं की आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तारी – सालभर में ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ के तहत १३० लोगों पर हुई कार्रवाई

हाँगकाँग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने हाँगकाँग पर ड़ाला हुआ दबाव अभी भी कायम होने की बात कही जा रही है। चीन की यंत्रणाओं ने हाँगकाँग में चार छात्र नेताओं को आतंदवाद का समर्थन करने का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया है। बीते महीने हाँगकाँग के एक नागरिक ने पुलिस अधिकारी पर हमला करके आत्महत्या की थी। इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करते समय हाँगकाँग के छात्र संगठन ने इस नागरिक की मृत्यू पर शोक जताकर इसके त्याग की सराहना की थी। यह प्रतिक्रिया आतंकवाद का समर्थन होने का आरोप लगाकर इन छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया, ऐसा कहा जा रहा है।

जुलाई के शुरू में हाँगकाँग के ‘कॉज बे’ क्षेत्र में लेऊंग किन-फै नामक ५० वर्ष के व्यक्ति ने एक पुलिस की पीठ में छुरा भोंक दिया था। इसके बाद फै ने आत्महत्या की थी। लेऊंग किन-फै राजनीतिक उद्देश्‍यों से प्रेरित हुआ ‘लोन वूल्फ डोमेस्टिक टेररिस्ट’ होने का आरोप चीनी यंत्रणाओं ने लगाया था। इस घटना के बाद युनिवर्सिटी ऑफ हाँगकाँग के छात्र संगठन ने एक निवेदन जारी किया था। इसमें लेऊंग की मौत पर शोक जताने के साथ उनकी सराहना में कहा था कि, उन्होंने त्याग किया है।

इसके बाद चीनी यंत्रणाओं ने कार्रवाई करके युनिवर्सिटी के कैम्पस पर एवं संगठन के दफ्तर पर छापा मारा था। संगठन ने निवेदन पीछे लेने के बाद भी इस मामले की जाँच जारी रखी गई थी। अब छात्र संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी करके यह कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है, यह संकेत पुलिस यंत्रणाओं ने दिए हैं। छात्र संगठन ने जारी किया निवेदन आतंकवाद का गौरव करनेवाला एवं आत्महत्या को प्रोत्साहन देनेवाला है, यह आरोप पुलिस अधिकारी ने लगाया। संगठन के चार नेताओं को हिरासत में लेकर उन्हें अदालत में पेश किया गया और उन्हें जमानत देने से इन्कार किए जाने की बात भी सामने आयी है।

चीनी यंत्रणाओं की यह कार्रवाई करने के लिए बीते वर्ष हाँगकाँग पर थोंपे गए ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ का इस्तेमाल किया गया है। बीते वर्ष जुलाई में चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने हाँगकाँग पर जबरन ही यह कानून थोंपा था। इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुआ विरोध और तीव्र आलोचना के बावजूद चीन ने इस कानून का आक्रामक अमल जारी रखा है। बीते वर्ष से चीनी यंत्रणाओं ने ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ के तहत हाँगकाँग के १३० से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें छात्र नेता, लोकतंत्र के कार्यकर्ता, वकील, पत्रकारों के अलावा आम नागरिकों का भी समावेश है। इनमें से अधिकांश लोग जेल में बंद हैं और इन्हें जमानत देने से भी इन्कार किया गया है।

जून में चीन ने ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ का इस्तेमाल करके हाँगकाँग स्थित अखबार ‘एपल डेली’ पर बड़ी कार्रवाई की थी। इस दौरान अखबार के मालिक उद्यमी जिम्मी लाय के साथ अख़बार के कई कर्मियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज़ किए थे। इसके बाद चीन की हुकूमत ने ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि विरोधियों की आवाज़ दबाने के लिए जारी रखा है, ऐसी आलोचना अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.