फ्रान्स में राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन के विरोध में बने असंतोष में बढोतरी – ५० प्रतिशत से भी अधिक जनता मैक्रॉन के विरोध में होने का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरपैरिस – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के विरोध में बना असंतोष प्रतिदिन तीव्र हो रहा है| राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन के महत्वाकांक्षी पेन्शनसुधार के विरोध में पुरे देश में प्रदर्शन हो रहे है और तभी सामाजिक योजनाओं में की गई कमी के मुद्दे पर डाक्टरों ने भी हडताल का ऐलान किया है| इस पृष्ठभूमि पर फ्रेंच माध्यमों ने किए एक सर्वे में ५० प्रतिशत से भी अधिक जनता मैक्रॉन के विरोध में उतरने की बात स्पष्ट हुई है|

दो वर्ष पहले दक्षिणी राष्ट्रवादी विचारधारा की नेता मनि ली पेनको राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में पराजित करके इमैन्युएल मैक्रॉन ने सत्ता संभाली थी| राष्ट्राध्यक्ष होते सम और उसके बाद भी मैक्रॉन की छवि युवा नेतृत्व और प्रगत विचारधारा के समर्थक के तौर पर बनाई गई थी| मैक्रॉन ही फ्रान्स की अर्थव्यवस्था को नई उंचाई दिलाकर यूरोपिय महासंघ में फ्रान्स का स्थान मजबूत करेंगे, यह उम्मीद भी व्यक्त हो रही थी|पर, असलियत में इमैन्युएल मैक्रॉन देश के सीफ अमीर उद्यमियों के नेता होने की बात उन्होंने अपनाई नीति से सामने आयी थी| इस वजह से फ्रान्स में कामगार वर्ग और आम जनता में कडी नाराजगी है और पिछले वर्ष शुरू हुए यलो वेस्टप्रदर्शनों के साथ ही यह नाराजगी स्पष्ट हुई| फिलहाल यलो वेस्टप्रदर्शनों की तीव्रता कम हुई है, फिर भी इन प्रदर्शनों पर नियंत्रण पाने में मैक्रॉन को प्राप्त हुई नाकामयाबी डटकर सामने आ चुकी है| ‘यलो वेस्टप्रदर्शनों को एक वर्ष पुरा हो चुका है और तभी पेन्शनके मुद्दे पर फ्रान्स के कामगार वर्ग ने फिर से हडताल और देशव्यापी प्रदर्शनों का निवेदन किया है

पिछले दो हफ्तों में फ्रान्स की रेल, सार्वजनिक वाहतूक, शिक्षा व्यवस्था के साथ कई प्रमुख सेवा बाधित हुई है| अगले हफ्ते में शुरू हो रहे ख्रिसमस पर भी इन प्रदर्शनों का साया है और कामगार संगठन किसी भी स्थिति में पीछे हटने के लिए तैयार नही है| कामगारों के इन प्रदर्शनों को अन्य क्षेत्रों से भी समर्थन प्राप्त हो रहा है और फ्रान्स के डाक्टरों ने भी हडताल के संकेत दिए है| राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने स्वास्थ्य क्षेत्र के निधी में कमी करने का निर्णय किया था और यही निर्णय इन प्रदर्शन?एवं हडताल का कारण बना है|

फ्रान्स की जनता में भी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन के विरोध में नाराजगी बढ रही है और देश के कुछ माध्यमों ने किए सर्वे से यह नाराजगी सामने भी आयी है| देश के लगभग ५४ प्रतिशत लोगों ने कामगारों के प्रदर्शनों का समर्थन किया है और मैक्रॉन की निती पर आलोचना की है| इस वजह से यह प्रदर्शन राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की हुकूमत को चुनौती देनेवाला साबित होगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे है|

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