अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के ‘सोशलिस्ट बजट’ पर विपक्षी नेताओं की आलोचना

वॉशिंग्टन – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन द्वारा प्रस्तावित बजट की विपक्षी नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। साल २०२४ के राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावों में अपनी उम्मीदवारी घोषित करने वाली रिपब्लिक पार्टी की नेता निक्की हेली ने बायडेन की कड़ी आलोचना की है। ‘बायडेन अमरीका के इतिहास में सबसे बड़े ‘समाजवादी’ राष्ट्राध्यक्ष हैं और उन्हें दूसरों के पैसे अन्य लोगों पर खर्च करना काफी पसंद है’, ऐसी तीखी आलोचना हेली ने की है। इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के बजट के खिलाफ रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने अपना बजट विकल्प के रूप में तैयार रखा है, यह जानकारी भी सामने आयी है।

राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ६.९ ट्रिलियन डॉलर्स का बजट प्रस्तावित किया। अमरीका की अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां हैं और ऐसे में भी इस बजट में बायडेन ने कल्याणकारी योजनाओं पर बडी मात्रा में खर्च करने की तैयारी की है। अमरीका का राष्ट्रीय कर्ज बढ़कर ३१ ट्रिलियन डॉलर्स हुआ है और इसके ब्याज का भुगतान करने के लिए नया कर्ज़ उठाना पड़ रहा है। यह ज्यादा समय तक नहीं चल सकता। ऐसी स्थिति में भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन कल्याणकारी योजनाओं पर फिजूल खर्च कर रहे हैं, ऐसी आलोचना निक्की हेली ने की।

कोरोना की महामारी फैलने के बाद अमरिकी उद्योग विश्व को सहायता मुहैया कराने के लिए लगभग ५०० अरब डॉलर्स की राशि घोषित की गई थी। इसे रद्द करने की मांग हेली ने की है। इसी तरह अमरिकी करदाताओं के पैसों को जाया करके बायडेन अपनी समाजवादी नीति चला रहे हैं। लेकिन, यह पैसे इस तरह जाया करने का अधिकार उन्हें नहीं है, ऐसा इशारा निक्की हेली ने दिया है। साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के लिए धनिकों पर अधिक कर लगाने की बायडेन की नीति पर भी हेली ने प्रहार किया है।

हेली के साथ विपक्ष रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेताओं ने भी बायडेन के इस प्रस्तावित बजट पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। बायडेन के इस बजट का विकल्प पेश करने की तैयारी रिपब्लिकन पार्टी ने की है और इसमें कल्याणकारी योजनाओं से अधिक अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करनेवाले प्रावधानों पर अधिक खर्च करने का प्रावधान होने के दावे किए जा रहे हैं। इसी वजह से बायडेन द्वारा घोषित बजट की वजह से अमरीका में राजनीतिक जगत में बड़ी उथलपुथल हो रही है। आनेवाले दिनों में अमरिकी संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर शासक और विपक्षी दलों में बड़ा संघर्ष होने की संभावना भी सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.