‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का संकट मौसम बदलाव से भी अधिक तीव्र – वैज्ञानिक जॉफ्रे हिन्टन की चेतावनी

वॉशिंग्टन – मौसम के बदलाव की समस्या की तीव्रता कम हैं और इसकी चिंता ना करें, ऐसा हम नहीं करेंगे। मौसम बदलाव यह भी एक बड़ी समस्या है। लेकिन, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स से होने वाला खतरा ज्यादा अहम लगता है’, ऐसी चेतावनी ‘जनरेटिव एआई’ विकसित कर रहे वैज्ञानिक जॉफ्रे हिन्टन ने दी है। कुछ दिन पहले ही हिन्टन ने ‘एआई’ का इस्तेमाल घातक उद्देश्य के लिए हो सकता हैं, ऐसा इशारा दिया था। स्टैन्फोर्ड युनिवर्सिटी की रपट में भी आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के कारण विश्व के सामने परमाणु खतरा खड़ा हो सकता है, इसका अहसास कराया था।
पिछले कुछ सालों में आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआई) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के मुद्दे पर जोरदार चर्चा शुरू हुई है। एक ओर इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से कई क्षेत्रों की समस्याएं और मुश्किले दूर होने के दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच दूसरी ओर इस प्रौद्योगिकी की प्रगति पर किसी का भी नियंत्रण नहीं रहेगा, इसपर ध्यान आकर्षित करके इसके खतरों को लेकर चेतावनी दी जा रही है। पिछले कई सालों से विश्व में शीर्ष रही कंपनी गूगल में काम करने का तजुर्बा रखने वाले हिन्टन ने ‘एआई’ के खतरे सामने लाने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा देने का बयान करके सनसनी निर्माण की थी।
इसके बाद हिन्टन लगातार विभिन्न माध्यमों से ‘एआई’ के खतरों को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने  ‘एआई’ का इस्तेमाल गलत लोग या गुटों से होगा और इसके परिणाम काफी घातक होंगे, यह चेतावनी दी थी। इसके बाद अब उन्होंने ‘एआई’ के खतरे का दायरा विश्व के अन्य खतरों से अधिक होने का बयान करके ध्यान आकर्षित किया है।
‘कार्बन उत्सर्जन कम करें, यह कहकर, इसपर काम करने से मौसम बदलाव के असर कम हो सकते हैं। लेकिन, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स को लेकर यह मुमकिन नहीं है। हम क्या करें, तो ‘एआई’ का खतरा कम होगा, इसपर अभी भी आशंका बनी है’, इन शब्दों में हिन्टन ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का खतरा बड़ा और करीबी होने का अहसास कराया। लेकिन, खतरा होने के बावजूद इसका अनुसंधान पुरी तरह से रोकना इसपर उपाय नहीं होगा, यह दावा उन्होंने किया।
मार्च महीने में अमरीका स्थित ‘फ्युचर ऑफ लाईफ इन्स्टीट्यूट’ नामक अभ्यास गुट ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र के खतरों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खुला पत्र लिखा था। इसमें आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में शुरू बड़े प्रयोग एवं अनुसंधान छह महीनों के लिए रोकने की गुहार लगाई थी। इसका दाखिला देते हुए हिन्टन ने यह अनुसंधान रोकने का विरोध किया। लेकिन, साथ ही, एआई मानव जाति के लिए खतरा बन सकता है, यह हमारा भरोसा होने की बात भी उन्होंने स्पष्ट की।
हिन्टन से पहले एआई क्षेत्र के विशेषज्ञ एलिझर युडकोवस्की ने भी ‘स्मार्ट आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का विकास धरती के मानव जाति के विनाश का कारण बन सका हैं, यह इशारा दिया था। ‘एआई’ के इस्तेमाल से वैश्विक अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी का संकट अधिक तीव्र होने का ड़र भी जताया या है और गोल्डमन सैक्स कंपनी ने तो बड़ा खतरनाक अनुमान जताकर यह कहा है कि, ‘एआई’ के कारण ३० करोड़ लोग नौकरी खो सकते हैं।

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