‘सेमीकंडक्टर्स’ उत्पादन में सहयोग के लिए भारत-अमरीका के बीच समझौता

नई दिल्ली – भारत और अमरीका ने सेमीकंडक्टर्स उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया है। भारत के व्यापार और उद्योग मंत्री पियुष गोयल और अमरिकी व्यापार मंत्री जिना रायमोंडे ने इस समाझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके अनुसार दोनों देश सेमीकंडक्टर्स निर्माण के लिए आवश्यक सप्लाई चेन विकसित करने के लिए सहयोग करेंगे। साथ ही इससे संबंधित अनुसंधान के मोर्चे पर भारत और अमरीका एक-दूसरे की सहायता करेंगे। इस समझौते की वजह से सेमीकंडक्टर्स उत्पादन की मज़बूत सप्लाई चेन विकसित होगी, ऐसा भरोसा केंद्रीय व्यापारमंत्री पियुष गोयल ने व्यक्त किया है।

कोरोना की महामारी फैलने के बाद विश्व की फैक्टरी माने जानेवाले चीन का उत्पादन पूरी तरह से ठप पडा था। इससे अन्य देशों के उत्पादन क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ था। चीन में उत्पादन बंद होने से सेमीकंडक्टर्स का निर्माण भी बंद हुआ। मौजूदा समय में कॉम्प्युटर्स और मोबाईल जैसे वाहनों तक लगभग सभी उत्पादों में सेमीकंडक्टर्स की जरुरत होती है। सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन बंद होने से अर्थव्यवस्था पर पडे दुष्प्रभाव अमरीका और यूरोपिय देश भी टाल नहीं पाए थे। इसकी वजह से आनेवाले समय में सेमीकंडक्टर्स एवं अन्य चीज़ों का उत्पादन और इनकी सप्लाई चेन के लिए केवल चीन पर निर्भर नहीं रहा जा सकता, इसका अहसास विश्व को हुआ।

इसकी वजह से विकसित देशों ने ‘रेज़िलियंट’ अर्थात किसी भी संकट में पूरी ताकत से सप्लाई करनेवाली चेन विकसित करने की तैयारी की। इस सप्लाई चेन के केंद्र के रूप में भारत एक ताकतवर विकल्प है, इसका अनुमान भी अमरीका समेत यूरोपिय देश को हुआ है। आनेवाले दिनों में चीन जानबूझकर सप्लाई चेन बाधित करेगा और विश्व की समस्याएं बढ़ाएगा, ऐसी चिंता विकसित देशों को सता रही है। इस समस्या को मिटाने के लिए अमरीका ने ‘चिप्स ऐण्ड सायन्स ऐक्ट’ साल २०२२ में पारित किया था। इसके अनुसार अमरीका के सेमीकंडक्टर उद्योग को निधि मुहैया करने का प्रावधान किया गया है।

सेमीकंडक्टर उद्योग के पास अमरीका समेत विकसित देश इतनी संवेदनशीलता से देख रहे हैं और अमरिका और भारत में यह समझौता रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम है क्योंकि, भारत ने भी सेमीकंडक्टर्स का देश में निर्माण करने के लिए ‘सेमीकंडक्टर मिशन’ शुरू किया है। साल २०३० तक भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र का कारोबार १०० अरब डॉलर्स से अधिक हो जाएगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसकी वजह से भारत इस उद्योग के विकास को काफी गंभीरता से देख रहा है। इसी लिए अमरीका को भी सेमीकंडक्टर्स का निर्माण और इसके अनुसंधान के लिए भारत से सहयोग करने की ज़रूरत महसूस हो रही है।

इसकी वजह से सेमीकंडक्टर्स क्षेत्र की मज़बूत सप्लाई चेन तैयार होगी और इससे दोनों देशों का लाभ होगा, ऐसा दावा व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने किया। दोनों देशों में यह समझौता अपने उत्पाद क्षेत्र का विकास करने के लिए तैयार भारत के लिए लाभदायी होगा, ऐसा बयान अमरिकी व्यापार मंत्री जिना रायमोंडो ने किया है।

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