ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने किया ‘आईएनएस विक्रांत’ का सफर

मुंबई – ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज आज भारत की विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ पर पहुंचे। इस अवसर पर भारतीय नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार वहां उपस्थित थे। प्रधानमंत्री अल्बानीज ने भारतीय निर्माण के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ का भी निरिक्षण किया। ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित हो रहे ‘टैलिस्मान सैबर’ नामक बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भारत पहली बार शामिल होगा, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री अल्बानीज ने यहां किया। भारत के विमान वाहक युद्धपोत पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का पहुंचना चीन के लिए विशेष संदेश पहुंचाता दिख रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री अल्बानीज शुक्रवार को द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। इस दौरान व्यापार, निवेश, दुर्लभ खनिज क्षेत्र के सहयोग के साथ ही रक्षा क्षेत्र के सहयोग को खास अहमियत दी जाएगी। इसके अलावा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की जारी वर्चस्ववादी गतिविधियों की वजह से बने असंतुलन का मुद्दा भी दोनों देशों के प्रधानमंत्री की चर्चा का विषय होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। साथ ही चीन से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बन रहे खतरे के मद्देनज़र रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने का निर्णय दोनों प्रधानमंत्री करेंगे, ऐसा स्पष्ट दिख रहा है।

ऐसी स्थिति में भारत के स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का पहुंचना ध्यान आकर्षित करता हैं। इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के विकसित हो रहे रणनीतिक सहयोग का अहसास चीन को कराया जा रहा है। आजतक के इतिहास में कभी नहीं थी उस हद तक भारत-ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी मौजूदा समय में मज़बूत हुई हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री अल्बानीज ने इसका स्वागत किया। दोनों देशों के संबंधों के लिए साल २०२३ काफी अहम वर्ष होगा, ऐसा दावा भी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

मुंबई में प्रधानमंत्री अल्बानीज ने इंडिया-ऑस्ट्रेलिया सीईओ फोरम को भी संबोधित किया। इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के भारत यात्रा पर होते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस की फोन पर चर्चा हुई। दोनों देशों के रक्षा संबंधित ताल्लुकात अधिक मज़बूत करने पर इस चर्चा में सहमति हुई। साथ ही दोनों देशों की रणनीतिक भागीदारी विकसित करने के लिए तेज़ कदम उठाने का निर्धार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने किया।

‘टैलिस्मान सैबर’ नामक बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भारत पहली बार शामिल होगा, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री अल्बानीज ने किया। साथ ही ऑस्ट्रेलिया इस साल के अन्त में मलाबार युद्धाभ्यास का आयोजन करेगा, यह जानकारी भी सामने आयी है। अमरीका समेत जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्वाड देशों के साथ भारतीय नौसेना का सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षा को झटका देगा, ऐसा विश्लेषकों का कहना हैं। इसी वजह से चीन इस सहयोग को लेकर बेचैन होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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