ईरान के परमाणु कार्यक्रम को चीन के राष्ट्राध्यक्ष का समर्थन

बीजिंग – ‘इतिहास में अलग-अलग समय पर चीन और ईरान ने एक दूसरे की सहायता की है और दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया है। आज भी वैश्विक स्तर पर जटिल गतिविधियां हो रही हैं और ऐसे में चीन और ईरान का सहयोग मज़बूत हो रहा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को चीन का समर्थ है’, ऐसा ऐलान चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने किया। ईरान के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अमरीका के विशेषदूत सौदी रवाना हुए हैं। ऐसी स्थिति में चीन अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समर्थन घोषित करके सौदी एवं खाड़ी देशों को परेशान करनेवाली नीति अपनाता हुआ दिख रहा है।

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने सोमवार को चीन का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। पिछले २० सालों में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने पहली बार चीन का दौरा किया। इस दौरान चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान के दौरे किए थे। लेकिन, ईरानी राष्ट्राध्यक्ष को चीन का दौरा करना मुमकिन नहीं हुआ था। इसी बीच ईरान में हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए हैं और राष्ट्राध्यक्ष रईसी के चीन दौरे से अचरज हो रहा है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय गतिविधियां भी राष्ट्राध्यक्ष रईसी के इस चीन दौरे का अहम कारण होने का दावा किया जा रहा है।

अपने इस पहले चीन दौरे में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने २० समझौते किए। इनमें व्यापार, पर्यटन क्षेत्र के सहयोग का समावेश है। साल २०२१ में चीन और ईरान ने २५ सालों के लिए अरबों डॉलर्स के सहायोग का समझौता किया था। इसके अलावा अब २० नए समझौते होने की बात चीनी सरकार ने स्पष्ट की है। चीन ईरानी ईंधन का सबसे बड़ा खरीदार है। साथ ही चीन ने ईरान में बड़ा निवेश किया है, इस पर चीन का सरकारी मुखपत्र ध्यान आकर्षित कर रहा है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने भी परमाणु समझौते के मुद्दे पर ईरान के समर्थन का ऐलान किया।

साल २०१५ के परमाणु समझौते का मसला पश्चिमी देश जल्द से जल्द खत्म करें। इस मुद्दे पर एवं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए चीन का पूरा समर्थन है, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ईरानी राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा के बाद किया। साथ ही ईरान को अपनी संप्रभुता की सुरक्षा एवं एकाधिकारशाही का विरोध करने का पूरा अधिकार होने का ऐलान जिनपिंग ने किया है। ईरान के कारोबार में अन्य देशों की दखलअंदाज़ी को चीन का विरोध करता है यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अमरीका समेत इस्रायल और सौदी एवं खाड़ी देशों को चेतावनी दी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

इसी बीच कुछ महीनाभर पहले ही चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने सौदी अरब का दौरा करके अरबों डॉलर्स के सहयोग का ऐलान किया था। सौदी और अन्य खाड़ी मित्र देशों के साथ ईंधन सहयोग के संकेत जिनपिंग ने दिए थे। ऐसे में पर्शियन खाड़ी में स्थित द्विपों पर यूएई के दावे का मुद्दा उठाकर जिनपिंग ने ईरान को उकसाया था। खाड़ी के माध्यमों ने जिनपिंग की इस ईरान विरोधी भूमिका का स्वागत किया था। लेकिन, चीन के राष्ट्राध्यक्ष के इस दौरे पर ईरान का संतप्त बयान सामने आया था। ऐसे में अब ईरान के राष्ट्राध्यक्ष चीन के दौरे पर होते हुए जिनपिंग ने विवादित परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करके सौदी और खाड़ी के अन्य देशों को चोट पहुँचानेवाली नीति अपनाई है।

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