उइगरवंशियों पर अमानुष अत्याचार और अफ़गानिस्तान की खनिज संपत्ति लूटने वाले चीन के अफ़गानिस्तान में मौजूद हित ‘आयएस’ के निशाने पर – अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था का दावा

काबुल – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा उइगरवंशी इस्लामधर्मियों पर हो रहे अमानुष अत्याचारों की गूंज अफ़गानिस्तान में सुनाई दे रही है। पिछले डेढ़ साल में चीन का अफ़गानिस्तान में निवेश ‘आयएस-खोरासान’ के हमलों का लक्ष्य बना है। चीन ने उइगरवंशियों से किए बर्ता पर ‘आयएस’ की यह प्रतिक्रिया है। इसके अलावा अफ़गानिस्तान के दुर्लभ खनिज संसाधनों की डकैती करने की तैयारी में बैठे चीन को ‘आयएस’ और अन्य आतंकी संगठन चेतावनी दे रहे हैं, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने किया है।

जनवरी के पहले हफ्ते में चीन की ‘चाइनाज्‌‍ झिंजियांग सेंट्रल एशिया पेट्रोलियम ऐण्ड गैस’ कंपनी ने अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के साथ २५ सालों के लिए ईंधन समझौता किया था। अफ़गानिस्तान के वायव्य ओर में क्षेत्र की अमू नदी के क्षेत्र में मौजूद ईंधन क्षेत्र से संबंधित यह समझौता था। इसके अलावा राजधानी काबुल के करीबी मेस अयनाक स्थित तांबे के खदान प्रकल्प से खनन करने के लिए किया गया समझौता भी इसमें शामिल था। इसके लिए चीन ने कुल ५४ करोड़ डॉलर्स निवेश करने का ऐलान किया था।

लेकिन, अफ़गानिस्तान में चीन का निवेश सुरक्षित नहीं रहेगा, यह इशारा ‘आयएस’ ने पिछले साल सितंबर में अपने मुखपत्र द्वारा किया था। झिंजियांग की तरह अफ़गानिस्तान में भी हम साम्राज्यवाद का विस्तार करेंगे, चीन ऐसा दिवास्वप्न देखता होगा। लेकिन, अफ़गानिस्तान से इस्लामधर्मियों के खनिज संसाधन लूटने वाले और उइगरवंशियों का उत्पीडन करने वाले चीन को इसकी कीमत चुकानी पडेगी, ऐसी धमकी आयएस ने दी थी, इस ओर ‘निके एशिया’ नामक वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया है।

इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों से अफ़गानिस्तान में चीन के निवेश पर एवं हितों पर हमलों की संख्या बढ़ने के मुद्दे पर इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया। दिसंबर में ‘आयएस’ के आतंकवादियों ने चीनी व्यापारी, निवेशक, अधिकारियों की आवाजाही के लिए जाने जा रहे काबुल के एक होटल पर बड़ा हमला किया था। इसमें पांच चीनी नागरिक गंभीररूप से घायल हुए थे। अफ़गानिस्तान में अपने नागरिकों पर बढ़ रहे हमलों के बाद चीन के राजदूत ने तालिबान के वरिष्ठ कमांडर से मुलाकात करके चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी, इसकी याद भी वर्णित वृत्तसंस्था ने ताज़ा कराई है।

इसी बीच, आयएस के बढ़ते हमलों के खतरे को ध्यान में रखते हुए चीन ने अफ़गानिस्तान को जोड़नेवाले काशगर कॉरिडॉर की सुरक्षा बढ़ाई है। इस सरहद के ज़रिये आयएस के आतंकी चीन में घुसपैठ करके हमले करेंगे, यह चिंता चीन को सता रही है।

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