चिली लिथियम खदानों का राष्ट्रीयकरण करेगा

सैंटियागो – विश्व का दूसरा बड़ा लिथियम निर्माता देश चिली जल्द ही अपने लिथियम खदानों का राष्ट्रीयकरण कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने के लिए और पर्यावरण सुरक्षा के लिए यह कदम उठाने का ऐलान चिली ने किया है। इस निर्णय से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर सीधा असर पडेगा, यह दावा किया जा रहा है। गौरतलब है कि, मेक्सिको के बाद चिली ने भी लिथियम खदानों का राष्ट्रीयकरण करने की दिशा में कदम उठाने से अर्जेंटिना को इससे काफी बड़ा लाभ होगा, ऐसा कहा जा रहा है।

लैटिन अमरीका स्थित चिली के राष्ट्राध्यक्ष गैब्रियल बोरिच ने लिथियम खदानों के वर्णित निर्णय का ऐलान किया। ‘मज़बूत और विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यह एक अच्छा अवसर है और इसे जाया होने नहीं देंगे’, यह राष्ट्राध्यक्ष बोरिच ने घोषित किया है। इससे आगे लिथियम खनन का ठेका सिर्फ सरकार के नियंत्रण में होने वाली पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को ही प्रदान किए जाएंगे, यह ऐलान चिली के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

इससे पहले प्रदान किए गए ठेके रद्द नहीं किए जाएंगे, लेकिन, इन ठेकों में भी सरकार को शामिल किया जाएगा, यह संकेत राष्ट्राध्यक्ष बोरिच ने दिए। इस निर्णय की वजह से लिथियम खनन में शामिल विश्व की पहले दो स्थानों की कंपनियां एल्बेमार्ले और एसक्यूएम को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन, इसकी वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध लिथियम ट्राएंगल में दरार पडने की चर्चा होने लगी है।

इसके साथ ही लिथियम से समृद्ध देश स्वतंत्र नीति अपनाए, इस पर पश्चिमी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। पिछले वर्ष लिथियम का सबसे बडा भंड़ारण करने वाले मेक्सिको ने अपने देश के खदानों का राष्ट्रीयकरण किया था। इसके बाद अब चिली ने भी अपने खदानों का राष्ट्रीयकरण किया है। इसकी वजह से लिथियम का भंड़ार रखने वाले अर्जेंटिना से हो रही मांग अगले दो सालों में बढ़कर तिगुनी होगी, ऐसा दावा माध्यमों में किया जा रहा है। लेकिन, इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक बैटरीज्‌‍ का निर्माण कम हो सकता है, ऐसी संभावना भी जताई जा रही हैं।

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