बजट में देश के बाहरी चुनौतियों का भी विचार किया है – केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन

हैदराबाद – इस वर्ष का बजट आम एवं आर्थिक स्तर के कमज़ोर लोगों का विचार करके बनाया गया है। साथ ही यह बजट उद्योग क्षेत्र, शिक्षा को अहमियत देकर नए अवसर निर्माण करने वाला है, यह दावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने किया। साथ ही वैश्विक स्थिति की वजह से उभरती चुनौतियों का भी इस बजट में पहले ही विचार किया गया है। देश की सीमा से बाहर से एकाएक आनेवाले संकट का मुकाबला करने के लिए तैयार रहना ही हमारे लिए सही होगा, ऐसा वित्त मंत्री सीतारामन ने कहा है।

बजटभारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, फिर भी आगे के समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरने वाले संकटों का परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था को भी भुगतना होगा, ऐसी चेतावनी कुछ आर्थिक विशेषज्ञ दे रहे हैं। खास तौर पर विश्व के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्था मंदी के भंवर में फंस रही हैं और उनकी मांग कम होगी और इससे भारत की निर्यात बाधित होगी, ऐसा इन आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर बजट पर आयोजित एक समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारामन ने अपनी भूमिका रखी। इस वर्ष का बजट आम एवं आर्थिक कमज़ोर वर्ग को सामने रखकर बनाया गया है। साथ ही उद्योग और शिक्षा क्षेत्र को गति देनेवाला है। साथ ही यह बजट विकास की प्रक्रिया जारी रखेगा और इसे अधिक गतिमान करेगा, यह विश्वास सीतारामन ने व्यक्त किया। इसके अलावा इस बजट में यकायक खड़ी होने वाली चुनौतियों का भी विचार किया गया है, ऐसा सीतारामन ने स्पष्ट किया।

देश के विकास का विचार करते हुए बाहर से उभरने वाले खतरों का विचार करना होता है, यह कहकर बजट में इसका भी ध्यान रखा गया है, ऐसा सीतारामन ने कहा। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन और खाद की किल्लत बनी है। भारत को यह समस्या फिलहाल सता नहीं रही हैं, फिर भी आगे के समय में इसका असर हो सकता है। खाद की किल्लत अनाज़ की किल्लत का कारण बन सकती है, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर वित्त मंत्री सीतारामन ने बजट को लेकर किए दावे ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। विश्व के सामने आर्थिक मंदी का संकट खड़ा हैं और इसका भारत पर विशेष असर नहीं होगा, ऐसे दावे अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था कर रही हैं। भारत के आर्थिक विकास का दर सबसे अधिक होगा, इसकी गवाही भी अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्था दे रही हैं। इसके बावजूद भारत ने यकायक उभरने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया है, ऐसी गवाही वित्त मंत्री सीतारामन ने दी। कुछ दिन पहले व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों की वजह से भारत की निर्यात कुछ हद तक बाधित हो सकती हैं, इसका अहसास कराया था। साथ ही भारत की निर्यात फिलहाल विक्रमी स्तर पर हैं, यह कहकर इसपर गोयल ने संतोष व्यक्त किया था। 

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